बक्सर खबर (माउथ मीडिया)। सुबह बतकुच्चन गुरू का फोन आया तो उनकी चकहती आवाज कानों से टकराई। अक्सर वे स्वयं ही हालचाल सुनाते हैं। लेकिन, आज उन्होंने छूटते ही सवाल दागा। गुरू का लगता है, लॉकडाउन बढ़ेगा। मैंने कहा अनुमान तो है। पर सरकार का निर्णय लेती है। यह तो वही तय करेगी। क्योंकि देश में लगातार संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ रही है। मेरे इतना कहते ही वे बोल पड़े। सुतार आ गवा है। जब-जब महामारी, सुखारी, बढ़ारी आता है। भ्रष्टाचारियन सब के लहार रहता है। इस सब त मनाता है। कुछ दिन और अइसे रहेगा तो मजे रहेगा। लूटे बदे सब तरह-तरह के जोगाड लगाता है। जवन मिला के जहां जगह मिलता है। उहें पर हबक्का मारता है।
कोरंटाइन सेंटर के नाम पर तकिया जाजिम के दाम भजावे से लेके भोजन तक में घाल मेल चल रहा है। दुखिया सब के सेंटर पर व्यवस्था करना था। कुछो नहीं पहुंचाया। सरकार को दोष देने लगा सब। जनता के लिए कछु आडर नहीं दिए। सरकार ने जनता के लिए आडर दे दिया। लेकिन, ससुर कवनो कछु न बांटा। उ सबके ते धो दिया नयका चुनाव लड़े वाला। जगह-जगह राशन बांटा। कहीं-कहीं त सब साबुन व मास्क भी बांटा। लेकिन, सेंटर पर काम करे वाला कर्मचारी तक के कवनो इंतजमा इस प्रशासन नहीं किया। सरकार त रोजे घोषणा करे है। पर का करिएगा। ठहरे ठहर कंपनी का सीइओ बना बइठा है। कवनो दाल के हिसाब मांगे है तो कवनो सब्जी का। हाल इ हो गवा है कि बनियवा सब मास्टर लोग के पीछे-पीछे दउड़ रहा है। का मास्टर साहेब, पइसवा कब मिलेगा। मास्टर बेचारे चक्कर काट रहे हैं। लेकिन, जहां से पइसवा मिलना है। उ कहता है, केतना के नमक खरीदे, जोड के बताइए। थोड़ा अभी ले जाइए, फिर बाद में आइएगा।
मास्टर सब परेशान है। कवना चक्कर में डाल दिया। सेंटर पर माथा नोचा रहा है। सरकारी सिस्टम वाला सब चुप्पी मार के बइठा है। कवनो नहीं बताता कहां का आवंटन भेजाया है। बल्टी भेजा तो दरी गायब, थरिया मिला तो दूध का पाउडर गायब, लुंगी मिली तो गंजी गायब। जौन सामान सेंटर पर जाना था। उ रास्ता में अफसर सब नेता व दुखिया को सौंप दिया। सब घाल मेल है। सरकार राशन भेजे हैं। जवना पर डीलर सब आंख गडा दिया है। ए ही बदे बुढ़वा सब कहा है। भ्रष्टाचारी सब चाहे है, महामारी आवे, सुतार बन जावे। इतना कहते हुए बतकुच्चन गुरु ने फोन काट दिया। मैं सोच में पड़ गया। यह सब सच है या उन्होंने बस यूं ही व्यंग किया है। नोट-माउथ मीडिया बक्सर खबर का साप्ताहिक व्यंग कालम हैं। जो शुक्रवार को प्रकाशित होता है। आप अपने सुझाव हमें कमेंट अथवा मेल के द्वारा भेज सकते हैं।
batkuchan guru shi bole hain..aise-aise guru hain sara maal gaban kar jate hain or dakar bhi nhi chhodte…
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