जिले में उठ रही है फीस माफ करने की मांग
बक्सर खबर। लॉकडाउन के दौरान स्कूल सिर्फ एक माह की फीस ले सकते हैं। इसके लिए अभिभावकों को दबाव नहीं दिया जाए। स्कूल अगर फीस लेते हैं। तो उन्हें ट्यूशन फी के अलावा कोई अन्य शुल्क नहीं लेना होगा। यह आदेश तीन माह के लॉकडाउन के दौरान पटना के जिला प्रशासन ने दिया था। इसी तरह का मिलता जुलता आदेश अन्य जिलों ने भी बैठक कर स्कूल प्रबंधन वालों को दिए थे। इसके खिलाफ पटना के संत पॉल स्कूल ने उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका दायर की। जिनकी सुनवायी करते हुए 4 जून को चीफ जस्टिस एवं न्यायमूर्ति एस कुमार ने कहा कि हम आपको स्कूल फीस लेने की अनुमति नहीं दे सकते।
इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग और आदेश जारी करने वाले अधिकारी के समक्ष जाए। चार सप्ताह में वहां इसकी सुनवायी हो। इस का निर्धारण वहीं से होगा। उसके बाद भी अगर कोई परेशानी आती है तो न्यायालय का दरवाजा खुला हुआ है। स्कूल के वकील ने दलील दी थी। शिक्षकों का वेतन भुगतान करना है। यही दलील अन्य जिलों के स्कूल वाले भी दे रहे हैं। ऐसा लगता है, स्कूल फीस का सारा धन वे शिक्षकों और कर्मचारियों के बीच बांट देते हैं। इसकी शिकायत करने वाले कुछ व्यवसायियों ने बक्सर खबर से कहा। हम इसके विरूद्ध जिला प्रशासन से मिलेंगे।
हमारी दुकानों पर भी कर्मचारी काम करते हैं। उनको भी हमने वेतन दिया। लेकिन, सामान खरीदने वालों से यह नहीं कहा। आप हमारे यहां से सामान ले जाएं। कर्मचारियों को वेतन देना है। स्कूल ने जो पूर्व से कमाई की है। उस राशि से शिक्षकों अथवा कर्मियों को वेतन दिया जा सकता है। फिलहाल यह विषय भी जिले में इन दिनों चर्चा में है। क्योंकि कई स्कूल वाले ऐसे हैं। जो ट्यूशन फी के अलावा कम्प्यूटर और बस भाड़ा भी मांग रहे हैं। ऐसे स्कूलों को बताना चाहिए। उनके यहां कितने छात्र हैं और उनसे कितनी राशि वे लेते हैं। साथ ही कर्मचारियों और शिक्षकों के वेतन पर वे कितना खर्च करते हैं।
D A V भी मेसेज देकर फीस माँग रहा है मेरा तो सब पैसा ही डूब गया और बेरोजगार हो गया हूँ कहाँ से फीस दे
कैम्ब्रिज स्कूल में मेरी बेटी का एडमिशन इंटर में हुआ है स्कूल प्रबंधन ने जून में एडमिशन किया है और अप्रिलसे पूरी फीस और एडमिशन चार्ज लिया है जो कि पूरी तरह गलत है लेकिन इसकी सुनवाई आखिर हो कहाँ कही पर भी पारदर्शिता नही और प्रशासन का भी कही रोक टोक नही
सनबीम कान्वेंट स्कूल बक्सर भी फी के लिए दवाब बना रहे है
फीस क्यों दे जब स्कुल बंद है नाम काट दिजिये बाद में जब हमको जरूरी लगेगा नामांकन करा लेंगे|