बक्सर खबर (माउथ मीडिया) : बतकुच्चन गुरु की बातें अलबेली हैं। कभी हंसने को मजबूर करती हैं, तो कभी सोचने को। अब एक दिन पहले मिले। तो देश की हालत पर चर्चा करने लगे। कहने लगे, लोग सरकार पर गुस्सा निकाल रहा है। ई नहीं कर रहा है, उ नहीं कर रहा है। अरे हम कहते हैं कइसे करेगा, कहां से करेगा। सरकार के हाल लाचार बाप की तरह है। जेकर बाल-बच्चा जरुरत से ज्यादा है। पढ़े लिखे में सब गोबर रहे। ए बदे आतम निरभर भी ना बन सके। कुछ मिला कमाए-धमाएं परदेस गए रहे। उ हो आफत-बिपत देख के घरे भाग आए। सब के सब जमा हो गए हैं। घर में कचोदम मचा रखे हैं। कवनो मनई काम मांगे है, कवनो दाम। यहां ससुर दाल-रोटी बदे समस्या है। उपर से ए सब के नखरा अलग है। धंधापानी, रोजी-रोजगार सब पर आफत है। लेकिन, इस सब एतना लिफिंटसइ बतियाता है कि समझा पाना मुश्किल है। जे समझावे जाएगा, ओकरो के इस सब भभोर लेगा। अप्पन गलती के बारे में कछू न बोलेगा। सामने वाले के बेइमान कहेगा।
सरकार करे तो का करे। कहां से लावे रोकड़ा, इ सब के बांटे बदे। जौन घर में बइठ के खाए वाला ज्यादा होगा। उ घर के का हाल होगा। सब बाप के बोटिए नोचेगा। का हम गलत कह रहे हैं? यह कहते हुए बतकुच्चन गुरु मेरी तरफ देखने लगे। मैंने तुरंत सर हिलाकर अपनी रजामंदी दी। तब वे जाकर शांत हुए। फिर खड़े हुए और चलने का इशारा करते हुए बोले। जाने हो इस से भी बुरा हाल उ मनई का है। जे अपन घर के आपे लूट रहा है। नाली, गली, शौचालय में रुपया खा जाता है। सब मिलाके घर अंदर से सुरक्षित है न बाहर से। भगवाने मालिक हैं एकरा, का समझे। मैंने फिर सर हिलाया और दोनों अपने-अपने ठिकाने की तरफ चलते बने। (नोट-माउथ मीडिया बक्सर खबर का साप्ताहिक व्यंग कालम है। जो शुक्रवार को प्रकाशित होता है। आप अपने सुझाव कमेंट अथवा ई मेल के माध्यम से हमें भेज सकते हैं- buxarkhabar@gmail.com )
सर मेरा गाव हैं खरवानिया p.s न नावनागर परखँड केसठ है पंचायत कतिकनार है यहाँ के मुखिया दुयारा रोजगार गारंटी का कार्य हुअा था 4 महा पहले लेकिन अभी तक उसका पैसा नहीं मिला है मांगने पर वहा के ठीकदार मारने की धमकी देते हैं बोलते हैं नही देंगे तो तुम लोग क्या कर लोगे सर आप से पर्थना है की मेरी आवाज को उठाये) /
सर मेरा गाव हैं खरवानिया p.s न नावनागर परखँड केसठ है पंचायत कतिकनार है यहाँ के मुखिया दुयारा रोजगार गारंटी का कार्य हुअा था 4 महा पहले लेकिन अभी तक उसका पैसा नहीं मिला है मांगने पर वहा के ठीकदार मारने की धमकी देते हैं बोलते हैं नही देंगे तो तुम लोग क्या कर लोगे सर आप से पर्थना है की मेरी आवाज को उठाये) /