-सीओ ने कहा आइडी पासवर्ड चोरी कर हुआ खेल, डीसीएलआर ने किया रद्द
बक्सर खबर। जमीन किसी और कि मोटेशन किसी और के नाम। ऐसा खेल तभी होता है। जब पूरा जुगाड़ सेट हो। कहने का सीधा तात्पर्य है। भ्रष्टाचार का ऐसा खेल आए दिन अंचल कार्यालयों और निबंधन कार्यालय में खेला जाता है। जमीन किसी और के नाम होती है। कागजात दुरुस्त नहीं होने पर भी कहीं भाई, कहीं बेटी, कहीं रिश्तेदार को आधार बना रजिस्ट्री कर दी जाती है। ऐसा ही एक नया खेल सामने आया है। सोहनी पट्टी मौजा बक्सर से। जमीन बैजनाथ प्रसाद केसरी की है। उसपर एक व्यक्ति ने दावा कर रखा है। एक ने तो फर्जी रजिस्ट्री भी करा ली। मामला न्यायालय पहुंचा। वहां से स्थगन आदेश आ गया। न्यायालय का आदेश निर्गत होने के बाद भी उस जमीन का दाखिल-खारीज कर दिया गया। यह वाकया 1 जुलाई 2020 का है।
दस्तावेज इंटरनेट पर अपलोड होने के कारण इसकी कलई खुल गई। बैजनाथ प्रसाद ने तीन दिन पहले इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की। आवेदन में लिखा गया है, सीओ का तबादला हुआ है। इसी बीच यह कार्य करा लिया गया है। मजे की बात है, कर्मचारी ने भी दाखिल-खरीज पर सहमती दी है। जबकि सीआई ने स्पष्ट लिखा है। माननीय न्यायालय का स्थगन आदेश है। इस लिए ऐसा नहीं होना चाहिए। बावजूद इसके ऐसा हुआ। अब आवेदक को डर है। साजिश करने वाले जमीन खरीद बेच भी करेंगे। इस लिए उसने डीएम को आवेदन दे दाखिल-खारीज रद्द करने और निबंधन की अनुमति न देने का आग्रह किया है। मामला उच्च न्यायालय से जुड़ा है। बावजूद इसके इस तरह का गोरखधंधा सबको चौकानें वाला है।
-सीओ ने कहा आइडी पासवर्ड चोरी कर हुआ खेल
बक्सर खबर। न्यायालय के आदेश का उल्लंघन कर ऐसा कैसे किया गया। यह पूछने पर सीओ सत्येन्द्र सिंह ने कहा। मैंने ऐसा नहीं किया। किसी ने आइडी और पासवार्ड चोरी कर ऐसा कृत्य किया है। मुझे जैसे ही इसकी जानकारी मिली। तत्काल डीसीएलआर से इसे खारीज करने की अनुशंसा की। उनकी माने तो उसे रद्द भी कर दिया गया है। लेकिन, इस तरह का खेल अंचल कार्यालय में हुआ कैसे? यह सबको चौकाने वाला है। न्यायालय के आदेश के बाद भी किसी ने दाखिल-खारीज का आवेदन किया। संबंधित लोगों ने उसे समय रहते खारीज नहीं किया। और फिर अचानक एक दिन अनुमति मिल जाती है। यह सबकुछ चौकाने वाला है।