– फोन करने पर पहुंच जाता है मदद करने
बक्सर खबर। सांप को देखकर अमूमन लोग डर जाते हैं। लेकिन, अगर आप सूझबूझ का परिचय दें तो सांपों से आसानी से बचा जा सकता है। उन्हें दिखाई कम देता है। ऐसा कहना है हरिओम का। उनके अनुसार लोगों को सांप उसी समय कांटते हैं। जब लोग उससे अनजान हों। लेकिन, आपको जैसे ही पता चले कि सांप ने काट लिया है। तत्काल अस्पताल जाना चाहिए। झाड़-फूंक में चक्कर में नहीं पडऩा चाहिए। सांप कितना भी जहरीला हो। लोगों के पास तीन घंटे का समय होता है। इस दौरान अगर आप समय रहते अस्पताल चले जाएं तो अवश्य बच सकते हैं। इस लिए आपको जितना जल्दी हो अस्पताल जाना चाहिए। विलंब जितना होगा, खतरा उतना बढ़ता चला जाता है। अपने यहां सदर अस्पताल और प्रतापसागर अस्पताल में उपचार की व्यवस्था है।
चार सौ सांप पकड़ चुके है हरिओम
बक्सर खबर। हरिओम बताते हैं, अब तक चार सौ से ज्यादा सांप पकड़ चुका हूं। जो लोग मदद के लिए फोन करते हैं। मैं उनके पास जाता हूं। हमारी सभी से यह गुजारिश होती है। उन्हें मारे नहीं, वे प्रकृति के दोस्त हैं। आज अनेक दवाएं सांप की वजह से बनती हैं। प्रकृति के जीवों के कम होने का ही परिणाम है आज के दौर में कोरोना जैसी महामारी। वे वायुमंडल से हानिकारक गैसों को निगल जाते हैं। वातावरण को स्वच्छ रखते हैं। हम सभी से आग्रह करते हैं। अगर आपके आसपास सांप निकल रहे हैं। आपको उनसे खतरा महसूस होता है। तो हमें सूचना दें। हम आपकी मदद करेंगे। (फोन नंबर -8789042874)
कहां से सीखा पकडऩा
बक्सर खबर। हरिओम बताते हैं। आठ वर्ष की आयु में ही मेरी दिलचस्पी इस काम में थी। पहले तो डिस्कवरी व यू ट्यूब से देखकर बहुत कुछ जाना। फिर कुछ स्नैक रेसक्यू करने वालों से फोन पर बात की। झारखंड के धनबाद में मुबारक अंसारी से मिला। वे सबसे नजदीक थे। उनसे बहुत कुछ सीखा है मैंने। मेरी इच्छा है बक्सर में आगे चलकर स्नैक पार्क खोलूं। सांप कई हजार तरह के होते हैं। सबके बारे में जानने में लंबा समय लगेगा। हमारा प्रयास जारी है।
प्रशासन से है मदद की दरकार
बक्सर खबर । हरिओम का कहना है हमारे लिए सबसे जरुरी है। वन विभाग इसके लिए हमें सहायता दें। उस विभाग के तहत ऐसा करने वालों को मदद उपलब्ध कराई जाती है। वहां से अनुमति मिलने के बाद हम लोगों का उपचार भी कर सकेंगे। वन विभाग के अधिकारी तो यहां कोई अता-पता हमें नहीं मिल पाया है। लेकिन, अगर जिलाधिकारी चाहें तो हमारी मदद कर सकते हैं। फिलहाल मेरा एक दोस्त है। राहुल कुमार, वह मेरी सहायता करता है। हम दोनों मिलकर इस अभियान में लगे हैं।
हरिओम का व्यक्तिगत जीवन
बक्सर खबर। हरिओम जिले के इलकलौते स्नैक रेस्क्यूवर हैं। जिनका जन्म 16 दिसम्बर 2004 को हुआ था। पिता का नाम रमेश चौबे व माता का कूपन देवी है। पिता पूजा पाठ तथा ज्योतिष का कार्य करते हैं। सदर प्रखंड के अहिरौली गांव से संबंध रखने वाले इस घर में जन्मा बेटा ऐसा करेगा। यह उनको भी पता नहीं था। लेकिन, अब यह उसका शौक बन चुका है। आज भी वह पूरे-पूरे दिन घर से गायब रहता है। पूछने पर बताता है, आज ब्रह्मपुर गया था। कोबरा सांप जो निकला था।
बहुत ही सराहनीय कार्य है। ????????? सांप हमारे मित्र हैं जो अनचाहे जीवों से हमारे फसलों को बचाते है। इन्हें कभी भी मारना नहीं चाहिए। इनका हमें सम्मान करना चाहिए। इसलिए हरिओम का काम सराहनीय है।
हरिओम मेरा गुरु जी है। सांपों के बारे जानकारी देते है।।