-डुमरांव में एक बार फिर क्षत्रिय कार्ड खेलने की चर्चा जोरो पर
बक्सर खबर। राजनीति की पारी खेलने वाले कब रोजा खोलेंगे। कहना मुश्किल हो जाता है। शायद इसी वजह से राजनीतिक के इस खेल को अनिश्चितता का महासमर भी कहते हैं। आज हम चुनावी चकल्लस में चर्चा करेंगे डुमरांव विधानसभा की। यहां एनडीए के वर्तमान विधायक ददन यादव सबसे मजबूत दावेदार हैं। बावजूद इसके उसी दल के लोगों ने ऐसा माहौल बना रखा है। मानों यहां परिवर्तन होगा। दावे भी तरह-तरह के। निवर्तमान विधायक होने के बाद भी जदयू में ही कमलेश सिंह, संजय सिंह राजनेता जैसे लोग अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं।
कमलेश सिंह का नाम इस लिए लिया जा रहा है। क्योंकि वे जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह के खास लोगों में हैं। राजनीतिक की इस चर्चा में भाजपा के लोग भी उम्मीद लगाए बैठे हैं। ऐसा हो सकता है। पार्टी के बीच बंटवारे में सीट भाजपा को मिल जाए। हालांकि इसका कोई ठोस आधार नहीं है। लेकिन, भाजपा में भी ओम प्रकाश भुवन, बंटी शाही, कतवारु सिंह, पूर्व अध्यक्ष रामकुमार सिंह जैसे लोग अखाड़े में उतरने के लिए तैयार बैठे हैं।
एनडीए के अलावा दूसरा धड़ा है महागठबंधन का। इस खेमे में भी कई उम्मीदवार हैं। राजद के पूर्व प्रत्याशी रहे पप्पू यादव का नाम प्रमुख है। इसके अलावा श्रीकांत यादव, पूर्व विधायक दाउद अली, चौगाई के चैतन्य सिंह भी दावा ठोक रहे हैं। इस बार महाबठबंधन में एक बात चर्चा का केन्द्र है। राजद यहां क्षत्रिय कार्ड खेल सकती है। इस बात में कितना दम है। यह कहना मुश्किल है। लेकिन, दो बड़े नाम यहां से सामने आ रहे हैंं।
राज परिवार के शिवांग विजय सिंह व बक्सर के चर्चित शख्स छोटे सिंह। यह दो नाम कई लोगों के संपर्क में हैं। हालांकि छोटे सिंह का नाम दिनारा विधानसभा क्षेत्र से भी आ रहा है। लेकिन, जातीय आधार पर अगर समीकरण बना तो यहां भी उंट करवट बैठ सकता है। इसके अलावा आम आदमी पार्टी से रवि सिन्हा, माले व बहुजन के लोग भी इस सीट से चुनावी ताल ठोकेंगे ही। ऐसी चुनावी चर्चाएं इस इलाके में आम हैं। जब तक पार्टियां अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं कर देती। यह स्थिति बनी ही रहेगी।