प्रत्याशी व नेता बेदाग, इलेक्शन एजेंट पर हो रहा मुकदमा
मास्क पहन पांच लोगों के साथ जन संपर्क का आदेश बना हास्यास्पद
बक्सर खबर। आदर्श आचार संहिता के तहत चुनाव आयोग ने कई निर्देश जारी किए हैं। इस बार कोविड-19 के निर्देश भी उसमें जुड़ गए हैं। जिसके तहत सभाओं में सामाजिक दूरी का मजाक तो उड़ ही रहा है। जन संपर्क में भी यही गलतियां दोहराई जा रही हैं। पिछले दिनों चौसा और नावानगर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सभाएं हुई। जिसमें मास्क नहीं पहनने के लिए प्राथमिकी हुई।
सभा की अनुमति लेने वाले इलेक्शन एजेंट को आरोपी बनाया गया। ऐसा ही हुआ पप्पु यादव की सभा को लेकर। उनकी सभा डुमरांव विधानसभा में हुई। वहां भी इलेक्शन एजेंट के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई। ऐसे में एक सवाल उठ रहा है। अगर इलेक्शन एजेंट पर प्राथमिकी हो रही है। तो नेता व उम्मीदवारों को क्यूं बक्सा जा रहा है। जनसंपर्क की अनेक तस्वीरें मीडिया में आ रहीं हैं। जिसमें जनसंपर्क करने वाले दिए गए निर्देशों का पालन करते नहीं दिखते। जहां जाते हैं वहां भीड़ लगाते हैं। इतना ही नहीं मास्क का प्रयोग तो शायद ही वे करते हों। फिर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई कौन करेगा।