कथकौली पर विशेष : आज ही के दिन 1764 में हुआ था बक्सर का युद्ध

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-हैक्टर मुनरो और भारत की तीन मुगल सेनाओं का हुआ था युद्ध
बक्सर खबर। बक्सर में अंग्रेजों और तीन नवाबों की संयुक्त सेना का युद्ध आज के दिन ही हुआ है। इसका उल्लेख वहां पड़े पत्थरों पर अंकित है। कुछ लोग कहते हैं। यह लड़ाई पहले शुरू हुई थी। 23 को अंग्रेजों की विजय हुई। हालांकि यह युद्ध लंबा चला ही नहीं था। इसका परिणाम एक दिन में आ गया था। युद्ध समाप्ति के बाद कथकौली के मैदान में अंग्रेजों ने अपना विजय स्तूप बनवाया था। जिसे देश आजाद होने के बाद कुछ लोगों ने तोड़ दिया।

युद्ध स्थल पर तिथि की गवाही देता शिलालेख

वहां पड़े शिलालेख यह बताते हैं। 23 अक्टूबर 1764 में यहां अवध के नवाब शुजाउद्दौला, मुंगल सम्राट शाह आलम एवं बंगाल के नवाब मीर कासिम की संयुक्त सेना के साथ युद्ध हुआ था। अंग्रेजी फौज का नेतृत्व हैक्टर मुनरों कर रहा था। शाहाबाद गजेटियर के अनुसार इस युद्ध में अंग्रेजी फौज ने 28 बंदुकों का प्रयोग किया। उनके पास 847 यूरोपियन, 5397 देशी सैनिक तथा 918 मुगल घुड़सवार थे। अर्थात कुल मिलाकर 7,072 सैनिकों के बल पर अंग्रेजो ने यह युद्ध जीत लिया। संयुक्त सेना के 2000 सैनिक मारे गए। बड़ी संख्या में हताहत हुए।

-अंग्रजों के क्षतिग्रस्त विजय स्तूप की फाइल फोटो, जिसकी जगह नया स्तूप बनाया गया है

ब्रिटिश सेना के 39 यूरोपियन, 250 देशी सैनिक मारे गए। 72 यूरोपियन, 435 देशी सैनिक घायल हुए। युद्ध का परिणाम यह रहा कि बंगाल, बिहार और उड़ीसा की दीवानी प्राप्त हो गई। इस युद्ध स्थल से कुछ दूरी पर एक मजार है। जिसे मुगल सैनिकों की याद में बनाया गया था। कुछ लोग यह भी बताते हैं। यहां पहली बार युद्ध में बंदूकों का प्रयोग हुआ था। वर्तमान में यह स्थान कथकौली के लड़ाई का मैदान के रुप में जाना जाता है। पिछले दो दशक में यहां दो बार जीर्णोद्धार कार्य हुआ है। पहली दफा यहां चारदिवारी बनायी गयी। हाल के वर्षो में एक नया व उंचा स्तूप बनाया गया है। जिसे आप तस्वीरों में देख सकते हैं।

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