दुगो की तीन गो की चारो जीती हो

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बक्सर खबर (माउथ मीडिया )। आज बतकुच्चन गुरू से मुलाकात हुई। उनकी बातों ने मुझे उलझन में डाल दिया। लेकिन  उनकी बातें गलत होती नहीं। यह ख्याल भी जेहन में बार-बार उठ रहा है। वे मिले तो सीधे चुनाव परिणाम की चर्चा करने लगे। जाहिर सी बात है। तीन-चार शेष बचे हैं। सबकी जबान पर जीत-हार की चर्चा है। वे बोले जा रहे थे। जाने हो गुरू।

पिछली बार के चुनाव में गठबंधन यहां चारो सीट जीता रहा।  लेकिन, जदयू दो सीट पर लड़ी रही। जौन बाद में अलग हो गई। लेकिन, पिछले चुनाव से इस बार का चुनाव ढ़ेरे घुमावदार हो गवा है। ओ बेरी आमने-सामने का टक्कर था। ए बेरी त्रिकोणीय हो गवा है। उपर से एनडीए का एक साथी अउर अलग हो गवा। कुल मिलाके लग रहा है। ए बार के चुनाव में समीकरण पुरने रहेगा लेकिन, चेहरा बदलेगा।

हम तो जगह-जगह के बात सुनते चल रहे हैं। कवनों कहता है दुगो सीट कनफरमे है। कवनो कहता है तीसरा सीट पर भी कनफर्म है। इतना कहकर बतकुच्चन गुरू थोड़ी देर के लिए रुके। मेरी तरफ इशारा करते हुए बोले। गुरू जब तीन गो जीतेगा त चारो काहे नहीं जीतेगा। उनके बाते सुन में पूछ बैठा। आप किसकी बात कर रहे हैं। वे बोलने लगे। अरे हमरा से क्या पूछे हो गुरू। जनता से पूछो। उहे लोग बताएगा। इतना कहने के बाद वे हाथ हिलाते चले गए।
नोट-माउथ मीडिया बक्सर खबर का साप्ताहिक व्यंग कालम है। जो शुक्रवार को प्रकाशित होता है। आप अपने सुझाव हमें कमेंट के माध्यम से दे सकते हैं।

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