बक्सर खबर। आज नरक चतुर्दशी है। दिवाली के एक दिन पहले यह समय आता है। जिस दिन पारंपरिक रुप से लोग घर के बाहर यम दीप निकालते हैं। लेकिन अधिकांश जगह ऐसी मान्यता है कि सोने के समय लोग ऐसा करते हैं। आप चाहें तो सायं काल में सूर्यास्त के बाद घर के बाहर दीप जलाए। इसमें चार बाती होनी चाहिए। अर्थात एक ही दीप में बाती को ऐसे रखें कि वह चारो दिशाओं में जले। दीप जलाने वाला दक्षिणा भीमुख होकर दीप रख सकता है।
इसके जलने के बाद भी लोग घर के अंदर अथवा बाहर आवश्यकतानुसार आ जा सकते हैं। इसके लिए किसी तरह की मनाही नहीं है। ज्योतिषाचार्य पंडित नारोत्तम द्विवेदी के शब्दों में आज नरक चतुर्दशी है। सायंकाल घर के बाहर चतुर्वर्ति दीपदान करने का विधान है। जो नरक के चारोद्वार से समबन्धित होता है। इसमे भी यमराज जो धर्मराज रुप में पाप पुण्य की गणना करते है। उसके निमित्त सर्व पाप नाश हेतु चतुर्वर्ति दीपदान का विधान है। दीप दान के लिए मंत्र निम्न है: – ततो दीप चतुर्दश्यां नरकप्रीतये मया। चतुर्वर्ति समायुक्त: सर्वपाप प्रणुत्तये।। इस मंत्र का उच्चारण कर दीप को घर के बाहर, यह मुख्य द्वार के पास रखें।