बक्सर खबर। दिवाली के दिन माता लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश व धन के देवता कुबेर की पूजा होती है। वैसे सर्व मान्य रुप से सभी जगह लक्ष्मी जी के साथ भगवान गणेश की विद्यमान रहते हैं। अर्थात घर में धन आए तो शुभता के साथ। भारतीय संस्कार गलत तरीके से धन उपार्जन की अनुमति नहीं देता। आज दिवाली है। हम नजर डालते हैं लग्न के अनुसार पूजा के विशेष मुहूर्त पर।
कुंभ, मीन, लग्न- दोपहर 12:37 से 3:37 तक
सायंकाल प्रदोष में वृष लग्न -05:16 से रात्रि 09:26
मध्य रात्रि सिंह, कन्या लग्न – 11: 44 से 04:10 शेष रात्रि तक सर्वोतम है।
पंडित नरोतम द्विवेदी बताते हैं। सिंह लग्न में महानिशा पूजा होती है। इसमें लक्ष्मी जी का विष्णु भगवान सहित षोडसोपचार पूजा श्रीयंत्र और ठाकुर जी (विष्णु) भगवान जी का अभिषेक एवं सर्व श्रृंगारादि किया जाता है।
कमल फूल व कसैली फूल का उपयोग श्रृंगार में होता है। साथ ही गाय के दूध से बनी खीर जिसमें मीठा न हो। उससे पुरुष सूक्त एवं श्रीसूक्त का हवन किया जाता है। अन्य देवताओं के लिए हवन तील अथवा अन्य सामग्री से होती है। पूजा के उपरांत जब शुभ मुहूर्त समाप्त हो जाए। तब लक्ष्मी जी की बहन दरिद्रा देवी का निस्सारण किया जाता है।