-प्रशासनिक निर्देशों का लोगों ने किया पालन
– किसी ने आंगन में तो किसी ने छत पर बहा दी गंगा
बक्सर खबर। छठ का त्योहार बहुत से लोगों ने घर में ही मनाया। इसकी दो वजहें रहीं। एक तो प्रशासनिक निर्देश दूसरे स्वयं ही कोरोना के प्रति जागरुकता। हमें जिले के कई इलाकों से ऐसी तस्वीरें मिली हैं। जिसमें लोगों ने घर में ही छोटा तालाब बना लिया था। उसमें पानी भरकर गंगा जल की बूंद डाली तो वह छोटी गंगा बन गई।
जहां जगह रही वहां खोदा गड्ढ़ा
बक्सर खबर। ऐसे अनेक स्थान रहे। जहां लोगों ने घर के आंगन अथवा बाहर जहां खुली जगह थी। वहां गड्ढ़ा खोदा। पानी न बहे इसके लिए लोगों ने पॉलीथिन का प्रयोग कर उसमें पनी भरा। उसके अगल-बगल केले के पत्ते और ईख के डंठल खड़े कर दिए। कई जगह सजावट भी हुई। फिर व्रती महिलाओं और पुरूषों ने पूजा विधिवत संपन्न की।
छत पर ईट के घरौंदे से बने तालाब
बक्सर खबर। शहरी इलाके में भी छतों पर ऐसे तालाब बनाकर पूजा करते लोग देखे गए। चारों तरफ से ईट की मेड खड़ी कर उसमें पॉलीथिन से कवर किया। इससे मिट्टी खोदने की स्थिति पैदा नहीं हुई। चारो तरफ बैठने के लिए आसन लगाए और सूर्य देव की आराधना की और उन्हें अघ्र्य दिया।
सोशल डिस्टेसिंग का ध्यान में रखकर बनी बेदियां
बक्सर खबर। छठ घाटों के किनारे बेदियां भी बनती हैं। हां पूजन सामग्री रखकर व्रती अनुष्ठान पूर्ण करते हैं। ग्रामीण इलाकों में इसके प्रति भी सजगता देखी गई। पूजा की बेदियां दूर-दूर बनी। जिसे पूजा करने वाले लोग एक दूसरे से सामाजिक दूरी बनाए रख सकें।