-पहले दिन लगा अहिल्या धाम में अहिरौली में
बक्सर खबर। बक्सर का पौराणिक पंचकोशी मेला शनिवार से प्रारंभ हो गया है। पहले दिन गौतम ऋषि के आश्रम में इसका पड़ाव रहा। जिनकी पत्नी अहल्या के नाम से इस स्थान का अहिरौली कहा जाता है। उनकी पुत्री अंजनी के पुत्र हनुमान की भी यहां विशेष पूजा अर्चना होती है। पांच दिनों तक चलने वाले मेले का समापन चरित्रवन में होता है।
जहां महर्षी विश्वामित्र का आश्रम हुआ करता था। वहां लोग लिट्टी चोखा बनाते और खाते हैं। इस वजह से इस मेले का एक नाम लिट्टी चोखा मेला भी है। यहां स्थित अहिरौली मठ के महात्मा बताते हैं। पहले दिन श्रद्धालु पकवान बनाकर खाते हैं। मंदिर में दीप जलाने का भी महत्व है। साथ ही कुछ लोग अपने यहां पुत्र की मनौती रखते हैं। अगर उनकी मनोकामना पूर्ण होती है।
तो यहां महिलाएं अपने आंचल पर पुरूष अथवा महिला नर्तकियों से नृत्य कराती हैं। मेले में गुड से बनी जलेबी खाने का भी प्रचलन है। प्रशासन द्वारा कोरोना को लेकर एहतियात जारी था। बावजूद इसके बहुत से लोग इसमें शामिल हुए। केन्द्रीय परिवार कल्याण व स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने वर्चुअल रुप से इसका शुभारंभ किया। दूसरे दिन का पड़ाव नदांव गांव में लगेगा। जहां नारद मुनी तपस्या करते थे। वहां नर्वदेश्वर महादेव का मंदिर भी है।