-ज्योतिष गणना के अनुसार सुबह 4 से शुरू होगा पुण्य काल
बक्सर खबर। मकर संक्रांति उत्सव 14 को मनाया जाएगा। हालांकि पुण्य काल को लेकर कुछ मतभेद सामने आ रहे हैं। लेकिन, ज्योतिष गणना के अनुसार 14 को खिचड़ी का त्योहार मनाया जा सकता है। पंडित आचार्य नरोत्तम द्विवेदी बताते हैं। दोपहर 2:03 बजे सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। जिसके बाद वे उत्तरायण हो जाएंगे। शास्त्रीय विधान के अनुसार आठ घंटे पहले से पुण्य काल प्रारंभ हो जाता है। आठ घंटे बाद तक इसका प्रभाव बना रहता है। शास्त्रों में इसका उल्लेख मिलता है। मकर राशि में प्रवेश करने पर सूर्य उत्तरायण एवं कर्क राशि में प्रवेश करने पर दक्षिणायन हो जाते हैं। प्रत्येक मास में ऐसा समय आता है। इसी को सौर मास भी कहते हैं।
संक्रान्तिकालादुभयत्र नाडिका:पुण्यामता:षोडष षोडशोष्णगो:।
निशीथतो अर्वागपरत्र संक्रमे पूर्वापराहान्तिमपूर्वभागयो:।।
पूर्वतोअ्पि परतोअ्पि सत्क्रमात्पुण्यकालघटिकाश्च षोडश।
पूर्वा परावा16वा 20घट्या: विशेष पुण्य काल:।
इस श्लोक का वर्णन करते हुए नरोत्तम द्विवेदी कहते हैं। यह बताता है, सूर्य के राशि प्रवेश के आठ घंटे पहले से लेकर आठ घंटे बाद तक पुण्य काल होता है। शास्त्रों में यह भी वर्णन मिलता है। अगर सूर्य संक्रान्ति संध्या से पूर्व होते तो उससे पहले अगर संध्या के बाद हो तो अगले दिन अथवा मध्य रात्रि में संक्रान्ति होतो दोनों दिन पुण्य फल मना जाएगा। अतःइस शास्त्राज्ञानुसार दिनांक-14/01/2021को सूर्योदय से सूर्यास्त तक विशेष पुण्यकाल होगा। आज के दिन सभी नदियों,गंगसागर आदी जगह स्नानदान कम्बल जूता आदी का दान पोंगल,खिचड़ी,चूड़ा दही,तिलकुट शाक भोजन करना और दान को विशेष पुण्यदायी माना गया है।