खामोश विनीता की बोलती हैं कलाकृतियां

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-जीत चुकी है राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार
-पत्नी की प्रतिभा बढ़ाने में पति कर रहे सहयोग
बक्सर खबर(इनसे मिलिए )। अच्छी सोच रखने वाले लोग कहते हैं। परमात्मा अगर कुछ छीन लेता है। तो उसके बदले में बहुत कुछ देता है। कुछ ऐसा ही है विनीता के साथ। जब उनकी अंगुलियां कैनवास पर चलती हैं। लोग वाह-वाह कह उठते हैं। लेकिन, बोल व सुन न पाने के कारण वह मुस्कुराकर लोगों का हाथ जोड धन्यवाद करती हैं। वह सिर्फ पेंटिंग ही नहीं बनाती। कमाल का क्राफ्ट हुनर रखती हैं।

पूर्व में मिल प्रमाणपत्र

उनकी प्रतिभा ऐसी है। जिसके बल पर उन्होंने राज्य स्तर की प्रतियोगिता में द्वितीय एवं राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। लेकिन, यह शादी से पहले की बात है। उनका विवाह 2007 में मुफस्सिल थाना के गोविंदपुर निवासी बलिराम राय के साथ हो गया। पति को पता था, पत्नी बोल नहीं सकती। बावजूद इसके उन्होंने उससे शादी की। अब दो बेटियां है। बड़ी बेटी लावण्या छठवीं कक्षा में पढ़ती है। दूसरी बेटी समृद्धि चौथी कक्षा में पढ़ती है।

बेटियों संग विनीता व सामने रखी उनकी कलाकृतियां

बचपन से था पेटिंग का शौक
बक्सर खबर। विनीता की बड़ी बेटी लावण्या बताती है। हमारे नाना जी का नाम स्व. तारकेश्वर राय है। वे कहते थे, इसे बचपन से ही पेंटिंग का शौक था। इनका जन्म 30 अगस्त 1982 को हुआ था। जब दो वर्ष की हुई तो पता चला। यह सुन व बोल नहीं सकती। घर वाले बड़े मायूस हुए। नाना सिविल इंजीनियर थे। बेटी को पढऩे के लिए स्कूल भेजने लगे। लेकिन, उनका मन पढ़ाई में नहीं लगा। तीसरी कक्षा के बाद स्कूल छोड़ दिया। घर में पेटिंग बनाने लगी। उनका हुनर देख सभी लोग दंग रह जाते थे। तब नाना ने उनका दाखिला इमैनीजेशन केन्द्र, कंकड़बाग पटना में कराया। कला एवं प्रशिक्षण संस्थान के इस केन्द्र में उन्होंने कुछ वर्षो का प्रशिक्षण लिया। अब वे क्राफ्ट के अलावा ऑयल पेटिंग, मधुबनी पेटिंग, स्केचींग आदि आसानी से कर लेती हैं। उनका एक कमरा है। जो उनकी बनाई कलाकृतियों से भरा पड़ा है। हमें अपनी मम्मी पर बहुत गर्व है।

मुख्यमंत्री का स्केच बनाती विनीता

शादी के बाद दूर हो गई थी कला से
बक्सर खबर। विनीता के पति बलिराम राय बताते हैं। शादी के बाद वह कला से दूर हो गई है। बेटियों के लालन-पालन में बहुत सा समय निकल जाता था। लेकिन, अब वे बड़ी हो चुकी हैं। हमने तय किया है। अब उसके हुनर को निखारने का प्रयास करना चाहिए। शायद उसकी कला नई पहचान देने में सहायक हो। हमने एक सवाल किया। आप लोग उनकी बातें कैसे समझते है। राय बताते हैं सामने वाले अगर धीरे-धीरे होठ चलाए तो वह बात समझ जाती है। उसके किसी वस्तु की आवश्यकता होती है तो हमें लिखकर जानकारी देती है। शादी से पहले आपको उनकी हालत के बारे में पता था। राय ने कहा जी, मैं जानता था। आज भी मैं उससे पूरी तरह खुश हूं।
नोट – इनसे मिलिए कालम प्रत्येक रविवार को प्रकाशित होता है। आप अपने सुझाव हमें कमेंट के माध्यम से दे सकते हैं।

 

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