बक्सर खबर (माउथ मीडिया)। चैन से सो जाइए। किस बात की चिंता है। काहें डरते हैं, अरे अपने शहर में शहंशाह मौजूद है। मुझे देखते ही बतकुच्चन गुरु के यह बोल निकले। मैं समझ गया, वे कुछ अटपटी बात चटपटे अंदाज में कहना चाहते हैं। सो मैंने उन्हें छेड़ते हुए पूछा। क्या बात है गुरु, आजकल आपको भी डर लगने लगा है क्या? इतना सुनते ही वे शुरू हो गए। गुरु तो के का पता है। हमसे पूछो, इ जनपद मा का हो रहा है। यहां एगो नया मनइ आवा है।
गाड़ी पर लाल रंग के गोल्डन बोर्ड लगाता है। रात में निकलता है। ओकरा सब पता है। चौसा की तरफ जाता है। बालू वाला गाड़ी को रोकता है। चार अंक में बात करता है। बहुत लालच नहीं करता। एक-दू मिला का हिसाब करता है। फिर मजे से लौट जाता है। मजे में ओकर काम चल रहा है। इतना सुनने के बाद मुझसे रहा नहीं गया। कौन है, क्या रोज जाता है, क्या करता है?
मेरा सवाल सुन बतकुच्चन गुरु हंसने लगे। गुरु हम का बतावें, यहां वर्दी वाले गारी सुन रहे हैं, डोटा वाले माथा पीट रहे हैं। खखनू सारे के हिम्मत ना हौ, अकेले कछु करेंगे। इ मनई कवनो नवा आया है। घात-पाइच जान गया है। मौका देख के माल खींच रहा है। इतना सुनते ही मैं हंस पड़ा। वे बोलने लगे, अरे गुरु कहाउत न सुने हैं का घींच आया, घींच आया। फिर हम दोनों हंस पड़े, और मैं अपने दफ्तर लौट आया।
नोट- माउथ मीडिया व्यंग कालम है। जो सप्ताह में प्रत्येक शुक्रवार को प्रकाशित होता है। आप अपने सुझाव हमें कमेंट के माध्यम से दे सकते हैं।