‌‌‌सफलता का मंत्र, नोट्स एवं रिवाइज : अंशुमान

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-शारदा भवन के स्पेशल क्लास में आज के शिक्षक रहे 2020 बैच के आइएएस
बक्सर खबर। अभियान विश्वामित्र के तहत चल रहे विशेष कक्षा में रविवार के अतिथि शिक्षक रहे 2020 बैच के आई ए एस अधिकारी अंशुमान। एमपी हाई स्कूल के शारदा भवन में एकत्रित प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं से उन्हों लंबी बात की। छात्रों से ज्यादा छात्राओं ने उनसे सवाल पूछे। अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा। कठिन परिश्रम, कम से कम छह से आठ घंटे पढ़ना अनिवार्य है। सफलता के लिए ज जरूरी है नोट्स बनाएं और अपनी पढ़ाई को रिवाइज करें।

यह तभी संभव होगा, जब आप अपना डे प्लान सेट करेंगे। क्योंकि आपको रोज समय नहीं मिल पाएगा। जिस परिवेश में हम रहते हैं। उसका सामाजिक जीवन है। घर परिवार को भी समय देना होता है। जब आप तैयारी में जुटें तो दो से तीन वर्ष का समय घर वालों से मांग लें। एक कमरे में अपने को रिजर्व करें। मन को भटकने से रोंके। इसके बाद आपको सफलता जरुर मिलेगी। अगर आप यूपीएससी अथवा बीपीएससी में कैरियर बनाना चाहते हैं। तो इन बातों का ध्यान रखना होगा। रही बात लर्निंग मैटेरियल की तो वह आप नेट से प्राप्त कर सकते हैं। कुछ संस्थानों के अच्छे और बेहतर नोट्स आपको मिल जाएंगे। इस दौरान जिलाधिकारी अमन समीर व सदर एसडीओ केके उपाध्याय उपस्थित रहे।

शारदा कारखाना में क्लास लेते 2020 बैच के आइ ए एस अधिकारी अंशुमान

छात्राओं ने पूछे सर्वाधिक सवाल
बक्सर खबर। अंशुमान ने बताया सर्वाधिक प्रश्न छात्राओं ने पूछे। जिसे देखकर लगा। उनमें मेधा है, लेकिन अवसर न मिल पाने का मलाल उन्हें है। इसके लिए ऑनलाइन क्लास एवं यूथ क्लब बनाने की बात हुई। अवसर मिलने पर उसके माध्यम से वे जुड़े रहेंगे। बातचीत के क्रम में उन्होंने कहा, बक्सर खबर पर मैंने अभियान विश्वामित्र के बारे में पढ़ा था। स्वयं यहां के जिलाधिकारी अमन समीर से इस सिलसिले में बात की थी। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद अपने गांव नावानगर आया था। फिर इस अभियान से जुड़ने का मौका मिला। उन्होंने कहा, बक्सर शिक्षा का केन्द्र रहा है। यहां का प्रयास बहुत ही सराहनीय है।
एमपी हाई स्कूल में चलता है शारदा कारखाना
बक्सर खबर। शारदा कारखाना, उस विशेष कक्षा का नाम है। जहां प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों को होनहार लोग और अधिकारी मिलकर पढ़ाते हैं। जब यह नि:शुल्क कक्षा शुरू हुई थी। तब 150 से अधिक छात्र थे। कई सरकारी नौकरी में चले गए। कुछ ने तैयारी के लिए यहां से मिले मार्गदर्शन के अनुरुप दूसरे शहरों का रुख किया। फिलहाल 35-40 छात्र-छात्राएं हैं। जिनकी कक्षाएं पुन: शुरू हुई हैं। लॉकडाउन के कारण लंबे समय तक यह बंद थी। लेकिन, जिलाधिकारी अमन समीर ने इसमें नई जान डालने का प्रयास किया। इसे पूरी तरह डिजिटल करने का लक्ष्य रखा। जिससे वर्चुअल क्लास चलती रहे। लॉकडाउन जैसी स्थिति में छात्रों की तैयारी बाधित नहीं हो।

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