-भ्रष्टाचार पर डीएम का करारा प्रहार
-प्रधानमंत्री आवास योजना में हुई धांधली
-सड़क की जमीन में बने आवास को तोडऩे के निर्देश
बक्सर खबर। भ्रष्टाचार चरम पर है। इसमें लोग भी शामिल हैं और सरकारी महकमा भी। लेकिन, अगर कोई डटकर खड़ा हो जाए तो ऐसा करने वालों को लेने के देने पड़ सकते हैं। यही हाल हुआ है राजपुर प्रखंड के चार प्रखंड विकास पदाधिकारियों का। जिनमें से एक तो इसकी जिले में कार्यरत भी है। उन सभी से सरकारी राशि वसूली जाएगी। इसका आदेश जिलाधिकारी अमन समीर ने दिया है।
यह पहला मामला है, जब प्रधानमंत्री आवास में गड़बड़ी सामने आने के बाद बीडीओ को भी दंड का भागी बनाया गया है। भले ही वह आर्थिक हो। यह मामला प्रखंड के ददुरा गांव का है। यहां वर्ष 2010 से 17 के बीच छह लोगों का आवास स्वीकृत हुआ। राशि की निकासी हो गई। चार के भवन नहीं बने। दो के बने भी तो रास्ते की जमीन पर। फिलहाल उसे अतिक्रमण मुक्त कराने का आदेश डीएम ने दिया है। मामला बहुत पुराना है, जिसकी सुनवायी लगभग दो वर्ष से चल रही थी। लोक शिकायत से जुड़े मामले में पहले भी अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया गया था। लेकिन, कार्रवाई नहीं हुई।
नतीजा मामला अपील में डीएम के पास चला गया। उन्होंने जांच का आदेश डीडीसी योगेश कुमार सागर को दिया। जो स्वयं एक आइ ए एस अधिकारी हैं। जांच को गए तो भ्रष्टाचार सामने आ गया। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में दो पंचायत सेवक ज्वाला प्रसाद व रामइश्वर प्रसाद एवं दो आवास पर्यवेक्षक राजेश कुमार व अभय कुमार राय को दोषी पाया। योजना की निगरानी का जिम्मा नियमानुसार बीडीओ का होता है। इस लिए पूर्व में यहां रहे नन्दकिशोर साह, विष्णु प्रसाद यादव व अजय कुमार को भी दोषी पाया। जिन्होंने नियमों की अनदेखी की। क्योंकि 13-14 तक आवास स्वीकृत करने की पुरी जवाबदेही बीडीओ की होती थी। इन लोगों के कार्यकाल में पांच लोगों को गलत तरीके राशि दी गई। डीएम ने इस सभी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करते हुए नीलाम पत्र दायर कर राशि वसूली का निर्देश दिया है। साथ ही अंचल अधिकारी को अतिक्रमण हटाने का निर्देश भी।