-हाई कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट तो जिले में बढ़ी बेचैनी
-13 मई तक हुई थी 95 मौत, जिले की रिपोर्ट में इसका विवरण
बक्सर खबर। गंगा में मिली लाशों के बाद से प्रशासन परेशान है। क्योंकि उच्च न्यायालय ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए बक्सर में हुई मौतों की रिपोर्ट तलब की थी। सोमवार को इस मामले में सुनवायी हुई। इसके बाद मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की जाने वाली रिपोर्ट से मौतों का आंकड़ा गायब हो गया है। सोमवार को इस मामले में मुख्य न्यायाधीश संजय करोला व जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ ने सरकार की रिपोर्ट पर सवाल उठाए थे।
वहां मुख्य सचिव और पटना प्रमंडल के कमिश्नर की रिपोर्ट में दर्ज आंकड़ों पर न्यायालय ने सवाल खड़े कर दिए। मुख्य सचिव के अनुसार 1 मार्च से 13 मई के बीच बक्सर में कोविड संक्रमण से 6 मौतें हुई। वहीं कमिश्नर की रिपोर्ट के अनुसार 5 मार्च से 14 मई के बीच 789 शव बक्सर मुक्तिधाम में जलाए गए। इसी को लेकर कोर्ट ने पुन: रिपोर्ट प्रस्तुत करने का कहा है। जिसका असर मंगलवार को दिखा। स्वास्थ्य विभाग की डेली रिपोर्ट से मृतकों की संख्या हटा दी गई है।
16 को जारी रिपोर्ट के अनुसार कुल 108 लोगों की मौत हुई थी। लेकिन 17 की रिपोर्ट में उसका उल्लेख नहीं है। वैसे 50 लोगों के संक्रमित पाए जाने एवं 224 लोगों के स्वस्थ्य होने की जानकारी दी गई है। फिलहाल जिले में एक्टिव मरीज की संख्या 577 रह गई है। हालांकि 13 मई को स्वास्थ्य विभाग ने जो रिपोर्ट जारी की थी। उसमें 95 लोगों की मृत्यु का उल्लेख है। इस वजह से मंगलवार को जिले में हाई लेवल बैठक हुई। जिसमें सभी तथ्यों का अवलोकन हुआ।