बक्सर खबर (माउथ मीडिया)। ऐसा कभी-कभी ही होता है। बतकुच्चन गुरू मुझसे मिलने स्वयं आ जाते हैं। अन्यथा, अक्सर मैं ही उनकी बाते सुनने जाया करता हूं। बीते दिन मिलने पहुंच गए। बातें ऐसी कहीं कि हंसा के लोटपोट कर गए। मुझसे मिलते ही उनका सवाल था। गुरू इ बताओ यहां कवनों अइसन नेता है, जौन थोड़ा बहुत सच बोलता है। मुझे जवाब देने का समय नहीं मिला, वे स्वयं बोल पड़े। अरे यहां तो जे है सब नमूना है। कुछ मिला त अइसन है उ सब के बारे में कछू कहना भी बेकार है।
एगो मनई त अइसन है, जौन दूसरे के खोता में अंडा देने पहुंच जाता है। एक मिला दुर्भाग्य से नेता बन गया है। एगो जमीन के केस फरीया रहा है। एगो कहता है हम गाडिय़ा नहीं चलने देते थे। इस सब के कौन बतावेगा, गाड़ी चलावे से विकास होता है, जली कटी सुनावे से नहीं। जब देखिए इ सब के थुथुन मोबाइलो पर दिख जाता है। एकाद मिला चोंगा ले के उलूल-जुलूल सवाल करता दिख जाता है। देखो गुरू तोरा चोंगा से याद आया।
पहिलवा सब कहता था, मीडिया वाला खूब मिर्च मसाला लगा के खबर परोसता है। इ तो हमहू देखे थे। लेकिन, गुरू तोहरा लाइन में सब अइसन-अइसन पाकेटमार आ गया है। जौन बगैर तेल के पकौड़ी छान देता है। नेता सब दू के चार कहता है। लेकिन, इ सब त भड़े पर गाड़ी मंगा देता है। का लिख रहा है, तनिको नहीं सोचता है। हम तो समझते थे, बिहार के लोग साधु टाइप होता है। यहां चोरो के माफ कर देता है। पप्पुओ के पास कर देता है। लेकिन, गुरू जो तोहरा धरती पर देखे के मिलता है, ओइसन नमूना हम न देखे हैं। इतना कह बतकुच्चन गुरू वापस लौट गए, मैं उनकी बातें सोच हंस रहा था, और लिखते हुए भी वही एहसास हो रहा है।
नोट- माउथ मीडिया बक्सर खबर का साप्ताहिक व्यंग कालम है। जो प्रत्येक शुक्रवार को प्रकाशित होता है। आप अपने सुझाव हमें कमेंट के माध्यम से बता सकते हैं।