-डीएम ने किया बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा
-चौसा-रामगढ़ पथ पर परिचालन रोका गया
बक्सर खबर। गंगा का पानी पिछले चार दिन से खतरे के निशान से उपर बह रहा है। जिसकी वजह से गंगा के सीमावर्ती व उसकी सहायक नदियों के किनारे बसे गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। आज बुधवार की दोपहर जिले में जलस्तर 60.92 मीटर आंका गया। अर्थात पानी खतरे के निशान से 60 सेंटी मीटर उपर है। प्रति घंटे जलस्तर बढऩे की रफ्तार 1 सेंटी मीटर है।
फिलहाल बाढ़ की जो स्थिति है। वह 2006 के आंकड़े तक पहुंच गई है। लेकिन, जो स्थिति है। वह वर्ष 2013 के आंकड़े की तरफ इशारा कर रही है। तब जिले में 61 मीटर 43 सेंटी मीटर तक पानी पहुंच गया था। फिलहाल स्थिति का जायजा लेने के लिए मंगलवार को जिलाधिकारी अमन समीर दियरा इलाके में गए थे। उन्होंने चक्की के महाजी डेरा समेत सिमरी के इलाके का अवलोकन किया।
वहीं चौसा गोला के समीप कर्मनाशा का पानी चौसा-रामगढ़ पथ पर चढ़ गया है। इस वजह से इस तरफ का परिचालन रोक दिया गया है। हालांकि यह पथ, सिकरौल के बाद रामगढ़ भाया मोहनिया खुला है। पानी से घिरे बनारपुर गांव के लिए नौका चलाई जा रही है। फिलहाल चौसा प्रखंड के नागपुर, बनारुपुर के तराई इलाके में लगी फसल, इटाढ़ी के खतिबा मोड के पास एवं दियरा इलाके में दबाव बना हुआ है। जिसको लेकर चिंता जतायी जा रही है।
दियरा इलाके का निरीक्षण करते जिलाधिकारी अमन समीर