-गोयल धर्मशाला में आयोजित हुई बैठक, अर्थ दंड को स्थगित करने पर सहमती
बक्सर खबर। चेम्बर ऑफ कामर्स की पहल पर अनुमंडल प्रशासन ने बिते दिन बैठक की थी। मंगलवार की साप्ताहिक बंदी को प्रभावी बनाने का निर्देश जारी हुआ। इसको लेकर शहर में राजनीति शुरू हो गई हैं। एक तरफ कुछ नेता इसको लेकर राजनीति की रोटी सेक रहे हैं। रविवार को उन लोगों द्वारा माइक लेकर शहर में नुक्कड़ बाजी भी हुई और इस आदेश को गलत ठहराया गया। वहीं दूसरी तरफ शहर के गोयल धर्मशाला में दोपहर बाद चेम्बर ऑफ कामर्स की बैठक हुई। जिसमें साप्ताहिक बंदी को उचित ठहराया गया।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे व्यवसायी संगठन के अध्यक्ष सत्यदेव प्रसाद ने कहा कि यह बंदी हमारी आपसी सहमती पर हुई थी। इससे ठेला, सब्जी, फल, दूध, रेस्टोरेंट व आवश्यक सेवाओं को अलग रखा गया था। जुर्माना एक हजार से 11 हजार की बात कही गई थी। लेकिन, अगर किसी को उस पर भी आपत्ती तो अर्थ दंड नहीं लगेगा। लेकिन, व्यवस्था को लागू करने पर सबकी सहमती रही। वहीं दौलत गुप्ता ने कहा कि यह व्यवस्था शहर में वर्ष 2002 से प्रभावी थी। लेकिन, कुछ लोग नियम की बात करते हैं। संविधान में कहा किसी नेता को रोड जाम करने, बाजार बंद कराने, बंदी के नाम पर तोड़फोड़ करने व रेल रोकने का अधिकार मिला है। समाज ऐसे गंदे लोगों को भी जवाब देगा। बैठक में चालीस से अधिक शहर के प्रमुख व्यवसायियों ने हिस्सा लिया और कहा बंदी को प्रभावी बनाने के लिए प्रचार-प्रसार किया जाएगा।