‌‌‌क्या सरोज की हत्या में है खूंटी यादव के बेटे का हाथ …!

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भूमि विवाद में अब तक चार लोगों की गई जान
-मंथन में जुटी पुलिस, जल्द खुलेगी कलई
बक्सर खबर। शिक्षक सरोज कुमार उर्फ सरोज कुशवाहा की हत्या में किसका हाथ हो सकता है ? यह सवाल उन लोगों क जेहन में कौंध रहा होगा। जो इस घटना से पूरी तरह अनभिज्ञ हैं। लेकिन, कुछ लोग ऐसे भी हैं। जो इस वारदात को अंजाम देने के लिए पिछले एक माह से योजना बना रहे थे। मंगलवार को जब जगदीशपुर गांव निवासी सरोज कुशवाहा ( उम्र लगभग 42 वर्ष) को गोली मारी गई। उस समय वारदता को अंजाम देने वाले लोगों की संख्या तीन थी।

लेकिन, वे कौन थे, इसका पता नहीं चल पाया है। पूछने पर पुलिस कहती है, जांच चल रही है। लेकिन, जिस दिशा में अनुसंधान चल रहा है। उससे स्पष्ट हो गया है कि घटना में खूंटी यादव के पुत्रों का हाथ हो सकता है। क्योंकि 18 मई 2018 को जब खूंटी यादव की हत्या हुई थी। तब सरोज के बड़े भाई व अधिवक्ता चितरंजन सिंह उर्फ चितरंजन कुशवाहा को मुख्य आरोपी बनाया गया था। वे जेल गए और कुछ माह बाद जमानत पर बाहर आ गए। लेकिन, दो माह के अंदर 21 अगस्त 2019 को उनकी हत्या व्यवहार न्यायालय के पीछे कर दी गई।

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उस घटना में कई लोग नामजद हुए। उनमें खूंटी के पुत्र यशवंत व यम देव का नाम भी शामिल था। हालांकि कुछ समय बाद यशवंत ने समर्पण कर दिया था। लेकिन, दूसरा पुत्र यम देव फरार ही रहा। चितरंजन की हत्या में अभी भी तीन लोग फरार चल रहे हैं। ऐसी सूचना है। जिनके खिलाफ पुलिस ने पिछले दिनों ही कुर्की का वारंट तामिला कराया था। संभव है, उस घटना के बाद यह कदम उठाया गया हो।

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पूछने पर एसपी नीरज सिंह ने कहा कि उन तीन के खिलाफ कार्रवाई होने वाली थी। जाहिर सी बात है, यह पूरा घटना क्रम सरोज की हत्या से आकर जुड़ता दिख रहा है। ऐसे में कहा जा रहा है। शिक्षक की हत्या में खूंटी के बेटों का ही हाथ हैं। इस संबंध में पूछने पर एसपी नीरज सिंह ने किसी का नमा नहीं लिया। लेकिन, इससे इनकार भी नहीं किया। वैसे इस मामले में मुफस्सिल थाने की पुलिस ने छापामारी शुरू कर दी है। लेकिन, फिलहाल प्राथमिकी की सूचना नहीं है। परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए वहां पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है।


भूमि विवाद रहा है हत्या का कारण
बक्सर खबर। यह घटना भूमि विवाद से जुड़ी है। सूचना के अनुसार दिवंगत अधिवक्ता चितरंजन सिंह की चचेरी बहन ने अपने हिस्से की जमीन खुंटी यादव को लिख दी थी। जो दबंग प्रवृति के व्यक्ति थें। हालांकि भूमि जगदीशपुर में थी और वे नदांव के रहने वाले थे। इस लिए भूमि पर कब्जे को लेकर चितरंजन सिंह के परिवार से उनकी ठन गई। बात बिगड़ती गई और अब एक-एक कर चार लोगों की हत्या हो चुकी है। सूचना के अनुसार बहुत पहले इटाढ़ी रेलवे क्रासिंग पर काम करने वाले केबिन मैन को मारा गया। जिसका प्रतिफल रहा खुंटी यादव पर गोली चली। उसके बाद चितरंजन और अब सरोज।

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