– मनिया में चल रही है भाई गुप्तेश्वर जी महाराज की कथा
बक्सर खबर। राजपुर प्रखंड के मनिया गावं में भाई गुप्तेश्वर जी महाराज इन दिनों भागवत की कथा कह रहे हैं। यहां सप्ताह ज्ञान यज्ञ के साथ लक्ष्मी नारायण महायज्ञ भी चल रहा है। जहां अपनी कथा की रोचक शैली व भजन से श्री पांडेय श्रद्धालुओं को आनंद विभोर कर रहे हैं। कथा के दौरान उन्होंने बताया कि भगवान का प्रथम विवाह रुकमणी जी से हुआ था। और गोपियों को उद्धार करने के लिए उनके कुल 16108 विवाह हुए। एक बार भगवान सुधरमा सभा में बैठे थे। उसी समय जरासंध की कैद खाने में बंद 20,800 राजाओं के दूत आए और भगवान से उन राजाओं को मुक्त कराने की प्रार्थना की।
उसी समय पांडवों की राजसूय यज्ञ का निमंत्रण लेकर नारद जी भगवान के पास आए। उद्धव जी से परामर्श लेकर भगवान पहले पांडवों के यहां गए। पांडवों ने भगवान का स्वागत किया भगवान भीम और अर्जुन को साथ लेकर विप्र वेश बना कर जरासंध के पास गए। जरासंध ने कहा आप अपना परिचय दीजिए भगवान ने कहा यह भीमसेन है और दूसरी उनके भाई अर्जुन। जरासंध ने कहां आप कौन है भगवान ने कहा मुझे शत्रु का विनाशक कृष्ण जानो। जरासंध ने कहा तुम भगोड़े हो कृष्ण मैं तुम्हारे साथ युद्ध नहीं कर सकता। अर्जुन तो दो हड्डी का है वह क्या लड़ेगा। तब भीम सेन से युद्ध तय हुआ। लेकिन, भीम को शक्ति अभिमान हो गया। 27 दिन चले युद्ध में भीमसेन की नस-नस ढीली हो गई। 28 वें दिन भगवान की ओर देखा भगवान ने तिनके को दो भाग में चीर दिया। भीम ने तुरंत जरासंध को दो भागों में चीर दिया। कथा के दौरान शिशुपाल वध और भक्त सुदमा का प्रसंग भी हुआ। पांडेय ने कहा भागवत यह सीखाता है। परिवार को मिलकर रहना चाहिए। शांति का कामना करनी चाहिए।