‌‌‌हलक सूखे तो सूखे यहां चापाकल ही दफन है सामान के नीचे

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-शहर में जगह-जगह लगे चापाकलों का हाल बेहाल
बक्सर खगर। गर्मी आते ही पानी और पेयजल के इंतजाम को लेकर प्रशासनिक समीक्षा शुरू हो जाती है। हाई लेवल बैठक होती है और लंबे चौड़े फरमान जारी होते हैं। लेकिन, शहर के विभिन्न मोहल्लों और मुख्य पथ के किनारे लगे चापाकलों का हाल बेहाल है। यह नजारा है, शहर के नेहरु नगर में लगे चापाकल का।

यहां बड़ी नहर के किनारे लगा यह सरकारी चापाकल इन दिनों भवन निर्माण की सामग्री के नीचे दबा पड़ा है। लेकिन, इसकी परवाह किसी को नहीं है। ऐसा नहीं की यह स्वयं की इच्छा से दफन होने को तैयार है। लेकिन, जब व्यवस्था की बदहाल हो तो बेचारा पंप क्या करे। अब यह किसी को वोट देने से रहा। नहीं तो इसकी आवाज भी जरुर कोई उठाता। क्योंकि नेता तो बहुत हैं शहर में और अधिकारी भी। जो लगातार निरीक्षण करते हैं।

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