-एक माह की मिली मोहलत, अगली सुनवाई 30 को
बक्सर खबर। सरकार पुलिस को चुस्त बना रही है। लेकिन, थानों की हालत ही खराब है। जिले में एक ऐसा थाना है। जिसकी अपनी भूमि ही नहीं है। यह हाल है औद्योगिक थाने का। जो शहर गोलंबर से सटे उद्योग विभाग के परिसर में चलता है। लेकिन, वह जीस परिसर में चलता है। वह गजेन्द्र ह्यूम पाइप को आवंटित है। वर्ष 2011 से ही इस थाने को वहां से हटाने का आवेदन सरकारी दफ्तरों में घूम रहा है। लेकिन, अधिकारियों ने इसका कोई इंतजाम नहीं किया। अब उच्च न्यायालय पटना ने इस पर संज्ञान लिया है।
न्यायालय ने कहा है चार सप्ताह के अंदर थाना को उस भवन से हटाया जाए। जिसका आवंटन पूर्व में बीयाडा ने किसी और को किया हुआ है। मेसर्स गजेन्द्र ह्यूम पाइप के अधिवक्ता राजीव रंजन ने न्यायालय को बताया कि इसका किराया भी नहीं दिया जा रहा। बार-बार आवेदन देने के बाद भी वहां के जिलाधिकारी व अन्य पदाधिकारी नहीं सुनते। जिसके कारण न्यायालय के सामने यह याचिका दायर की गई है। न्यायाधीश संदीप कुमार की एकल पीठ ने 26 जुलाई को यह आदेश दिया कि चार सप्ताह के अंदर परिसर को खाली किया जाए। साथ ही अगली तिथि को उस जिले के एसडीओ शपथपत्र देकर बताए कि इस भवन का किराया कितना होना चाहिए। इस मामले में सुनवाई की अगली तिथि 30 अगस्त निर्धारित की गई है।