-झांड-फूंक को छोड़ पहुंचे दवा कराने, सांप की हुई पहचान
बक्सर खबर। अगर आपको करैत अथवा नाग (आम बोलचाल की भाषा में गेहुअन) काट ले तो किसी के बहकावे में न आएं। ऐसी स्थिति में जल्द से जल्द आप अस्पताल पहुंचे। क्योंकि ऐसे लोगों को बचाया जा सकता है। लेकिन, सर्प के काटने के तीन घंटे के अंदर अस्पताल पहुंचना जरुरी है। अन्यथा, खतरा जानलेवा हो सकता है। पिछले एक सप्ताह के दौरान जिले में पांच लोगों की मौत जहरीले सांप के काटने के कारण हो चुकी है। वहीं तीन लोगों ने समझदारी दिखाई और अस्पताल पहुंचे। जिन्हें बचा लिया गया। यह एक सप्ताह का आंकड़ा है। अगर इन लोगों ने भी लापरवाही की होती तो संख्या बढ़कर आठ को पार कर गई होती।
आइए हम आपको रुबरु कराते हैं इन तीन लोगों से। इन सभी को रात के वक्त करैत ने काटा। पहली घटना डुमरांव थाना के नेनुआ गांव में राजाराम तिवारी (36) के साथ हुई। वे सिंचाई के लिए खेत की तरफ गए थे। उन्होंने सांप को एक जगह देखा। लेकिन, मारा नहीं। जब सोने गए तो कुछ घंटे बाद सांप भी वहां पहुंच गया और काट लिया। हालांकि उन्हें तब पता नहीं चला। लेकिन, उनकी नजर सांप पर पड़ गई। तिवारी ने उसे मार दिया और स्वयं सोने का प्रयास करने लगे। लेकिन, जहर का प्रभाव बढ़ा तो उनको समझ में आया। कुछ गड़बड़ हो गई है।
तुरंत स्नेक सेवर हरिओम को फोन किया, सलाह ली और अस्पताल पहुंच गए। दो दिनों के उपचार के बाद उनकी जान बची। सोमवार को ऐसा ही वाकया पोखरहां निवासी भुवाली यादव (60) के साथ हुआ। रात में सिंचाई कर सो रहे थे। करैत ने डस लिया। अस्पताल लाया गया, तब उपचार के बाद उन्हें बचाया जा सका। मंगलवार को राजपुर थाना के भलुहा गांव में ऐसी घटना अविनाश चौबे के साथ हुई। लेकिन, अगले छह घंटे तक वे झांड-फूंक के चक्कर में पड़े रहे। जब हालत बिगड़ने तो हरिओम से संपर्क किया और अस्पताल पहुंचे। उन्हें 35 एंटी वेनम इंजेक्शन पड़े। तब जाकर हालत में सुधार आया। आज उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिलने वाली है। इस लिए सांप काटे तो