मानवता :‌‌ मुसीबत में फंसे परिवार को मिथिलेश पाठक ने पहुंचाई आर्थिक मदद  

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– ‌दो बच्चों की बेवा मां के नाम दिया एक लाख का चेक, अन्य लोगों से भी किया आग्रह
बक्सर खबर। दुनिया में कितना गम है,,,,गीत का यह मुखड़ा खबर लिखते वक्त जुबा पर बरबस ही आ गया। चौसा बारे मोड़ के रहने वाले ललन दुबे जिनकी उम्र लगभग 35 वर्ष के आस-पास थी। 23 अगस्त की रात दिल्ली से बक्सर आने के दौरान सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हो गई। वे तो चले गए लेकिन, उनके पीछे घर में एक बेवा पत्नी और उसकी गोद में दो बेटियां रह गई। इतना ही नहीं एक बुढ़ी मां भी। इस परिवार का दर्द मीडिया में नहीं आया। घर के इकलौते पुरुष सदस्य के अचानक चले जाने के बाद मानों उस परिवार पर दुखों का पहाड़ ही टूट पड़ा।

यह दुखभरी कहानी समाजसेवी सह व्यवसायी मिथिलेश पाठक तक पहुंची। लोगों ने उन्हें बताया दुर्घटना के बाद उनकी पत्नी सुनिधि जो पेट से थी। उसके साथ ही अनहोनी हो गई। वह बीमार है, घर में दो बेटियां क्रमश: गोल्डी सात वर्ष व परी चार वर्ष हैं। बूढ़ी मां नयनतारा देवी कलेजे पर पत्थर रख यह सब देख रहीं हैं। दर्द भरी यह दास्तां सुन मिथिलेश पाठक रविवार को अपराह्न चार बजे चौसा गांव पहुंचे। उन्होंने दिवंगत ललन दुबे की पत्नी सुनिधि देवी के नाम एक लाख रुपये का चेक उनकी बेटियों और मां को सौंपा। उनकी मां से मिले और कहा आप ही इस परिवार का सहारा हैं। मैं दूसरे लोगों से भी कहुंगा। इस परिवार की सहायता करें। समाज में आज भी बहुत अच्छे लोग हैं। वे जरुर मदद को आगे आएंगे। इस दौरान मौके पर पप्पू दुबे, मुन्ना दुबे, मुन्नू मिश्रा आदि लोग उपस्थित रहे।

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