विद्यालय और आंगनबाड़ी केन्द्रों की हालत देख डीएम भड़के

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-मांगा स्पष्टीकरण, अतिक्रमण हटाने का निर्देश
बक्सर खबर। डीएम अमन समीर बुधवार को साप्ताहिक निरीक्षण के दौरान चौसा प्रखंड के सिकरौल पंचायत पहुंचे। वार्ड संख्या एक में पेयजल आपूर्ति ठप थी। वहीं वार्ड संख्या छह में लोगों ने बताया पेयजल आपूर्ति सही नहीं है। डीएम ने मौजूद बीडीओ को चेताया। जल्द व्यवस्था दुरुस्त हो। उच्च माध्यमिक विद्यालय सिकरौल का जायजा लेने गए तो वर्ग नौ एवं 10 अध्यापन कार्य का निरीक्षण किया गया। वहां मूल्यांकन परीक्षा चल रही थी। निरीक्षण के दौरान वर्ग 07 में अंग्रेजी तथा वर्ग 08 में हिन्दी की पढाई हो रही थी। उपस्थित छात्रों से पढाये जा रहे विषय से संबंधित प्रश्न पूछे जाने पर अधिकांश छात्रों द्वारा उत्तर नहीं दिया जा सका। शिक्षक के अध्यापन के शैली असंतोषजनक थी।

शिक्षक को संबंधित विषय के पाठ्यक्रम को पढाने से एक दिन पूर्व अध्ययन कर छात्रों को पढाया जाना है पंरतु पाया गया कि शिक्षक द्वारा अध्ययन नहीं किया जा रहा है। पाठ्य तालिका भी उपलब्ध नहीं पाया गया। उसी प्रकार वर्ग कक्ष 01 एवं 02 में पढ़ाये जा रहे शिक्षकों द्वारा अध्यापन कार्य असंतोषजनक पाया गया। प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी चौसा को निर्देश दिया गया कि वर्ग कक्ष 1 एवं 02 तथा 07 एवं 08 के शिक्षकों से स्पष्टीकरण प्राप्त करें कि क्यों नहीं छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में बरती जा रही लापरवाही के लिए उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाय। प्रधानाध्यापिका को निर्देश दिया गया कि विद्यालय में शिक्षण व्यवस्था 15 दिनों के अंदर सुधार लाना सुनिश्चित करेंगी। वहां विद्यालय में जलजमाव व चारदीवारी बनाने का निर्देश भी दिया गया।

-आंगनबाड़ी केन्द्र का निरीक्षण करते डीएम अमन समीर

गांव में स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र संख्या 48 का निरीक्षण हुआ। वहां की स्थिति भी असंतोषजनक थी। महज 28 बच्चे उपस्थित थे। अधिकाशं के पास पोशाक नहीं थी। डीएम ने आंगनबाड़ी सेविका का मानदेय रोकने का आदेश दिया। डीएम को ग्रामीणों ने बताया वार्ड नं0 01 एवं 02  के खाता नं0 370, खेसरा नं0 1441 एवं 1436 तथा खाता नं0 369, खेसरा नं0 1437 में क्रमश 2.63 एकड, 0.213 डी एवं 0.47 डी0 की भूमि अनावाद सर्वसाधारण है, जो अतिक्रमित है। निरीक्षण के क्रम में संबंधित स्थल का निरीक्षण किया गया तथा अंचलाधिकारी चौसा को निर्देश दिया गया कि उक्त सरकारी भूमि की मापी कराकर एक सप्ताह में प्रतिवेदन समर्पित करेंगे तथा जिला प्रोग्राम पदाधिकारी मनरेगा को निर्देश दिया गया कि उक्त वार्ड में अवस्थित गड्ढे को पानी की निकासी की व्यवस्था मनरेगा योजना के तहत कराने का प्रस्ताव समर्पित करेंगे।

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