‌‌‌क्या माफिया तय करेंगे बक्सर नगर परिषद का भविष्य

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-चल रही है जगह-जगह गोलबंदी, राजनीतिक रोटी सेंकने वाले भी मैदान में
बक्सर खबर। नगर परिषद चुनाव को लेकर सरगर्मी शबाब पर है। इस बार मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद का चुनाव सीधे जनता करेगी। इस वजह से सबका ध्यान इसी तरफ है। हालांकि यह दोनों पद अति पिछड़ा महिला वर्ग के लिए आरक्षित हैं। इस वजह से बहुत से लोग अपनी-अपनी राजनीतिक ताकत दूसरों पर लगा रहे हैं। अब इसके पीछे उनका क्या स्वार्थ है वहीं जाने। लेकिन, फिलहाल जो तस्वीर शहर में देखने को मिल रही है। उससे यह बात स्पष्ट हो गई है। तावा किसी और का है और रोटी कोई और सेक रहा है। हालांकि यह चुनावी बवंडर 10 अक्टूबर तक चलेगा।

इस दौरान क्या-क्या देखने और सुनने को मिलेगा। वह धीरे-धीरे सबकी नजरों के सामने आ रहा है। बक्सर नगर परिषद क्षेत्र में तीन धुरंधर अपनी-अपनी ताकत लगा रहे हैं। जिनकी पृष्ठभूमि दागदार है। इन सबने एक-एक प्रत्याशियों को अपना समर्थन दिया है। या यूं कहें लोग खुलकर प्रचार भी कर रहे हैं। हसीन सपने भी दिखाए जा रहे हैं। लेकिन, राजनीतिक खिलाड़ियों के झांसे में कितने लोग आते हैं। यह तो वक्त बताएगा। लेकिन, आम जन को इस बात का ध्यान रखना चाहिए। ऐसे लोगों को चुने जो जन समस्या पर ध्यान दे। शहर की जो वर्तमान स्थिति है। उसका बखान करने लायक नहीं है। पहले जो लोग निर्वाचित थे। उनकी करनी भी किसी से छिपी नहीं है।

बात शहर में दुकान आवंटन की हो या सरकारी राशि के दुरुपयोग की। वह किसी से छिपी नहीं है। यहां कूड़ेदान से लेकर, रेडीमेड शौचालय और एक नाली को चार बनाकर राशि लोग डकार गए गए। हालांकि किसी एक को दोष नहीं दिया जा सकता। फिलहाल सड़क पर जितने भी लोग समाजसेवी का मुखौटा पहन राजनीतिक रोटी सेकने उतरे हैं। उनमें एक भी ऐसा नहीं है। जिसने शहर को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए धरना अथवा प्रदर्शन किया हो। राजनीति करने वाले सिर्फ और सिर्फ अपने वोट बैंक व वैसे मुद्दों को हवा देते हैं। जिससे उनका चेहरा चमके। ऐसे लोगों को जवाब सिर्फ वैसे लोग दे सकते हैं। जो किसी के राजनीतिक प्रभाव में नहीं हैं। इसलिए जरूरी है दस अक्टूबर को जनता बूथ पर आए और ऐसे लोगों के खिलाफ मतदान करें, जो राजनीतिक माफिया बने घूम रहे हैं।

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