-एक बार फिर राजपुर इलाके में भय का माहौल हो रहा था कायम
बक्सर खबर। कुख्यात अपराधी सुरेश राजभर भले ही एनकाउंटर में मारा गया था। लेकिन, पिछले पांच वर्षो से उसके भाई मुन्ना राजभर ने जो आतंक राजपुर थाना क्षेत्र में मचा रखा था। उसका शनिवार को अंत हो गया। नाम बदलकर घूम रहे अपराधी को पुलिस ने जिस योजना के साथ गिरफ्तार किया। उसके बाद से एसपी को बधाइयां मिल रही हैं। इससे जुड़ी खबर जब रविवार को मीडिया में आई तो बहुत से लोगों ने एसपी को धन्यवाद दिया। यह खबर भले ही सबके लिए सिर्फ एक सूचना मात्र हो। लेकिन, जिन लोगों को वह फोन पर धमकी दे रहा था। अथवा जिन सात लोगों को उसने मौत के घाट उतारा था। सबके परिजनों ने पुलिस कप्तान को दुआएं दी हैं। वर्ष 2010 में जब सुरेश राजभर मारा गया था। उस समय के तत्कालीन एसपी उपेन्द्र सिन्हा को गैलेंट्री अवार्ड मिला।
उस घटना में एक बात और देखने को मिली थी। कुछ छ: अपराधी मारे गए थे। लेकिन, किसी का शव लेने कोई नहीं आया। तब मुन्ना राजभर उत्तर प्रदेश की जेल में बंद था। सूत्रों की माने यह गाजीपुर जिला के भदौरा का रहने वाला है। लेकिन, सुरेश राजभर के साथ इसका परिवार जिले के इटवां में आकर बस गया था। उसके बाद ही यह परिवार बक्सर और गाजीपुर दोनों जिलों में अक्सर घटनाओं को अंजाम देता रहा। हालांकि उसकी गिरफ्तारी बहुत ही चुनौती पूर्ण थी। क्योंकि पुलिस के पास उसका कोई सुराग नहीं था। शनिवार की शाम जब वह गिरफ्तार हुआ तो पता चला। उसने अपना नाम मायाशंकर राम रख लिया था। इतना ही नहीं उसने इसके कागजात भी बना लिए थे। लेकिन, एसपी ने यूपी की जेल से जब उसके रिकार्ड मंगाए तो उसकी कलई खुलती चल गई। जिला पुलिस की इस उपलब्धि के साथ ही बक्सर के एसपी नीरज कुमार सिंह का नाम भी यहां के इतिहास में जुड़ गया हैं। जिसके लिए जिले के लोग उन्हें याद करेंगे।