‌‌‌ राजपथ की तरह बक्सर की मृत नहर को विकसित करने की योजना

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-सदर एसडीओ व सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने किया स्थल का निरीक्षण
बक्सर खबर। ग्यारह नंबर लॉक से लेकर नया बस स्टेंड व सिंडिकेट होते गंगा तक जाने वाली बड़ी नहर का अगर सौंदर्यीकरण हो जाए तो वह दिल्ली के राजपथ की तरह विकसित हो सकती है। शहर के लोगों को टहलने घूमने का एक सुरक्षित स्थान मिल सकता है। इस परिकल्पना को लेकर जिला प्रशासन ने सरकार को एक प्रस्ताव भेजा था। वहां से इसकी सहमति मिली लेकिन, उसका प्रारुप व स्थानीय नहर विभाग से परामर्श भी मांगा गया। जिसकी रूपरेखा तैयार करने के लिए गुरुवार को सदर एसडीएम धीरेंद्र कुमार मिश्रा, नहर विभाग के स्थानीय अभियंता व नगर परिषद की कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरुप ने बड़ी नहर का निरीक्षण किया। यह नहर का वह हिस्सा है, जिसे मृत नहर कहा जाता है।

इस बाबत पूछने पर सदर एसडीओ धीरेन्द्र कुमार मिश्रा ने बताया कि किसी भी सिंचाई के पुराने अथवा नए स्त्रोत के स्वरुप का नष्ट नहीं किया जा सकता। इसका निर्देश पूर्व से ही न्यायालय ने दे रखा है। ऐसे में पुरानी नहर का वह हिस्सा। जिसमें अब पानी नहीं जाता। उसका पुराना स्वरूप बना रहे और उसके दोनों तरफ ईट बिछाकर, पौधे तथा लाइट लगाकर व अंदर के हिस्से का सौंदर्यीकरण कर विकसित किया जा सकते है। इसी सोच के साथ जिला प्रशासन ने पहल शुरू की है। इस शहर में वैसे भी भूमि की कमी है। लोगों के पास सुबह टहलने के लिए अथवा सुबह-शाम बैठे उठने के लिए कोई आकर्षक जगह नहीं है। उस कमी को पूरा करने के लिए हम लोग कार्य कर रहे हैं। एक प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजने तैयारी है। जिसमें सबका सहयोग उपेक्षित है। अगर प्रस्ताव मंजूर हो गया तो शहर को एक अच्छी जगह मिल सकेगी।

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