सीता राम विवाह आश्रम में प्रारंभ हुआ प्रिया प्रियतम महोत्सव

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– मामा जी की स्मृति में आयोजित हो रहा है कार्यक्रम
बक्सर खबर। शहर के नयाबाजार में स्थित सीता राम विवाह आश्रम में बुधवार से प्रिया प्रियतम महोत्सव प्रारंभ हो गया है। यह कार्यक्रम आठ फरवरी तक चलेगा। जो भारत वर्ष के महान संत नारायण दास भक्तमालि उपाख्य मामाजी महाराज के पावन स्मृति में हो रहा है। 15 वें उत्सव के मौके पर व्यास पीठ का पूजन कर आश्रम के महंत राजाराम शरण जी महाराज जी ने वैदिक मंत्रोचार के नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ कराया। यहां प्रत्येक दिन अपराह्न तीन बजे से वृंदावन से पधारे उमेश भाई ओझा जी श्रीमद्भागवत महात्म्य की चर्चा करेंगे। उन्होंने पहले दिन की कथा में कहा कि वेद कल्पवृक्ष है और श्रीमद्भागवत उस वेद रूपी कल्पवृक्ष का परिपक्व फल है, जो भक्ति रूपी रस से भरा हुआ है।

उन्होंने कहा भागवत में चार अक्षर हैं भा ग व और त। कथा व्यास ने भा की व्याख्या करते हुए कहा कि भा से तात्पर्य भाष्यते सर्व वेदाषु अर्थात भागवत जी वो है जिसका प्रकाश चारों वेदों में फैला हुआ है। जबकि गा से तात्पर्य है गीयते नारदिदिशु अर्थात जिन का गुणगान नारद आदि भक्त कवियों ने गाया है। व का तात्पर्य वदन्ति त्रिभुवन लोकेषु अर्थात जिनका गुणगान तीनों लोकों में होता है। जबकि त का तात्पर्य तरन्ति भवसागरण अर्थात जो भवसागर अर्थात जन्म मरण के चक्र एवं काम, क्रोध, लोभ, मद इन विकारों को समाप्त कर देता है वह श्रीमद्भागवत है।

भागवत महात्मा की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत जी के श्लोकों का नित्य गान करने वाले मनुष्य के करोड़ों जन्म का पाप जलकर खाक हो जाता है। अगर कोई व्यक्ति भागवत जी का एक श्लोक या आधा श्लोक गाता है तो स्वयं भगवान श्री कृष्ण श्री राधा रानी जी के साथ वहां उपस्थित होकर उसके श्लोक के स्वर में स्वर मिलाकर बंसी की मधुर तान करने लगते हैं। इस अवसर पर सुनील जी सहाय, नागेंद्र कुमार पांडे, सत्यनारायण राय, प्रेम मिश्रा, वैदेही जी, अवधेश कुमार पांडे, कन्हैया पाठक सहित बड़ी संख्या में संत भक्त उपस्थित थे।

 

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