बक्सर खबर। तिरंगे में लिपटा सेना के जवान कैलाश चौबे का शव गांव पहुंचा तो वहां का माहौल गमगीन हो गया। उनके मौत की सूचना पहले ही गांव पहुंच चुकी थी। इस वजह से बड़ी संख्या में लोग उनके अंतिम दर्शन को पहुंच गए थे। सबने उन्हें श्रद्धांजलि दी और आज रविवार को चरित्रवन के श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। सूचना के अनुसार कैलाश चौबे (५६ वर्ष) भारतीय सेना में कार्यरत थे। वे राजपुर थाना रामपुर पंचायत के तिवाय गांव के मूल निवासी थे।
उनकी तैनाती असम के दीमापुर मुख्यालय में बतौर ग्रिफ यूडीसी तैनात थे। उनका तबादला भी जम्मू कश्मीर हो गया था। एक दो दिन में उन्हें यहां से वहां जाना था। इसी दौरान गुरुवार की सुबह हृदय गति रुकने से उनका निधन हो गया। इसकी सूचना गांव पहुंची तो यहां माहौल गमगीन हो गया। सूचना के अनुसार अभी चार वर्ष उनकी सेवा शेष थी। वे दो बेटियों और पुत्र के पिता थे। एक बेटी की शादी हो चुकी है। अन्य दो की पढ़ाई चल रही है।