बक्सर खबर (गुरू गरम है)। कहां क्या हो रहा है। यह बात बहुत से लोगों को पता नहीं है। कुछ ऐसा भी है जो पत्रकार लिखने से रहे अथवा लिख ही नहीं सकते। क्योंकि उनके पास सच पहुंच भी जाए तो कानूनी पैंतरे बाजी है। कौन करेगा पुष्टि। शिकायत कर्ता भी अपनी गर्दन बचाना चाहता है। लेकिन, कोई कहे या न कहे गुरू तो छोड़ने वाले नहीं हैं। ऐसा नहीं कि यह किसी को बेआबरू करने की कवायद है। लेकिन, सलीका तो पता सबको चलना चाहिए। क्योंकि अगर कोई रोके टोके नहीं तो फिर यहां दहलीज लांघने वाले बहुत हैं।
किसी ने कहा है हाथ चले तो चले पर किसी की नाक को नुकसान पहुंचाया तो फिर बेहतर नहीं होगा। बात एक थाने की है। महिला को पुलिस वाले थाने में पीट रहे थे। वहां किसी काम से पहुंचे युवक की नजर उसपर पड़ी तो उसने वीडियो बना डाला। फिर क्या था, पुलिस वालों ने उसका फोन छीना और दिया जोर से एक हाथ। बेचारे का टूट गया दांत। मोबाइल छीना, वीडियो डिलीट किया और वहां से चलता किया। कुछ लोगों ने महिला के बारे में पूछा तो कहा गया। नशे की हालत में थी। थाने लाई गई तो महिला सिपाही को लात मारने लगी। जो रोकने गया उसे गालियां बकने लगी और कहने लगी दिखा देंगे औकात। वहां लगा कैमरा भी तोड़ दिया।
अर्थात सच क्या था, इस पर पर्दा डाल दिया। यह बात सिर्फ गुरू को पता चली ऐसा नहीं है। सच कई लोग जानते हैं। लेकिन, हमें पता चली तो सोचा कुछ और लोगों को बता दें। क्योंकि ऐसा करने वाले जान लें। बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी। चली तो हमने सोचा आपको भी बता दें। और उनको भी जो अपनी वाले कर रहे हैं और कायदे कानून को ठेंगा दिखा रहे हैं।( नोट- गुरू गरम है, हमारा साप्ताहिक कालम है। जो बक्सर खबर के संपादक रहे प्रेम भाई लिखा करते थे। अब वे नहीं रहे। शनिवार का दिन था जब वे हमें अलविदा कह गए। उनकी याद में यह कालम प्रत्येक शनिवार को प्रकाशित होगा। यह व्यंग नहीं सच्ची घटना पर आधारित है)