एक जुट हुए जिले के मुखिया, प्रशासन से करेंगे दो-दो हांथ

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-विकास योजनाओं में अड़ंगा डाल रहे हैं सरकारी कर्मचारी, सुरक्षा की उठी मांग
बक्सर खबर। विभिन्न पंचायतों के मुखिया प्रशासन के रवैये से परेशान हैं। क्योंकि अधिकारी योजनाओं में व्यवधान डाल रहे हैं। पंचायतों में बने कार्यालय पर तैनात कर्मी अक्सर नदारद रहते हैं। जिससे जनता परेशान होती है। हर छोटे बड़े काम के लिए लोगों को प्रखंड जाना पड़ता है। आम जन वहां जाते हैं तो उनके साथ सम्मान जनक व्यवहार नहीं किया जाता। जिसके कारण लोग पंचायत प्रतिनिधियों को भला बूरा कहते हैं। क्योंकि ऐसी कर्मियों पर लगाम नहीं लगाई जा रही। यह बातें मंगलवार को जिला मुख्यालय पर आयोजित पंचायत प्रतिनिधियों की बैठक में उठी।

बैठक की अध्यक्षता कर रहे राजपुर के पंचायत मुखिया अनिल सिंह ने कहा कि इसके खिलाफ हमें एकजुट हो आवाज उठानी चाहिए। क्योंकि हमारे अधिकारों का हनन हो रहा है। एनओसी के नाम पर योजना लटका दी जाती है। लंबे समय से मुखिया प्रतिनिधियों को सुरक्षा देने की मांग हो रही है। लेकिन, जनता की सरकार जनता के प्रतिनिधियों की ही नहीं सुन रही। आए दिन घटनाएं हो रहीं हैं। जो मुखिया मारे गए हैं। उनके परिजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग भी उठी। इसके अलावा पीसी योजना को पुनः: चालू करने की मांग भी रखी गई। दौरान बैठक के दौरान केसठ के मुखिया गामा यादव, रामनारायण खरहाटाड, सचिन्द्र सिंह अतरौना, रेखा देवी आथर, तुलसी प्रसाद साह धनसोई, दिवाकर राम चिलहरी, अरविंद यादव, उपेन्द्र सिंह व बारुपुर पंचायत मुखिया प्रतिनिधि मिंटू उपाध्याय के अलावा पचास से अधिक मुखिया व उनके प्रतिनिधि बैठक में शामिल हुए।

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