-निजी अस्पतालों को लेकर मचता है हंगामा, तो इनके खिलाफ क्यूं नहीं !
बक्सर खबर। अस्पताल में गर्भवती महिला दर्द से परेशान थी। परिजन डॉक्टरों के यहां दौड़ लगा रहे थे। लेकिन, चिकित्सक अपनी वाली कर रहे थे। और अंतत: उस महिला ने दम तोड़ दिया। जिसके गर्भ में बच्चा पल रहा था। यह कोई साधारण अपराध नहीं है। एक साथ दो जाने चाली गईं। लेकिन, सिस्टम सरकारी हो तो शिकायत करने वाला ही अपराधी बन जाता है। यह हाल है शहर के सबसे बड़े अस्पताल का। जिसे हम और आप सदर अस्पताल के नाम से जानते हैं। घटना बुधवार रात एक बजे की है। शहर के सोहनी पट्टी के रहने वाले धर्मराज प्रसाद की पत्नी आरती देवी (28) को परिजनों ने सदर अस्पताल में दाखिल कराया था। जिसके साथ यह हादसा हुआ है।
वहां मौजूद एक युवक ने इस घटना का वीडियो भी बनाया हैं। जिसमें नर्स पर युवक आरोप लगा रहा है। आप लोगों की लापरवाही से इसकी मौत हो गई। नर्स कहती है गजब आरोप लगा रहे हैं। मौके पर महिला पुलिसकर्मी भी मौजूद है। लेकिन, वह खामोश है, और ड्यूटी पर तैनात महिला डॉक्टर ने तो कोई जवाब दिया ही नहीं। यह घटना अगर किसी निजी अस्पताल में हुई होती तो मीडिया भी आवाज उठाती और सोशल मीडिया के झंडाबरदार सेम-सेम करते। लेकिन, इस व्यवस्था के खिलाफ भी आवाज उठानी चाहिए। हालांकि पीड़ित पक्ष ने पुलिस से भी इसकी शिकायत की। लेकिन, सरकारी डॉक्टरों के खिलाफ भला पुलिस कहां शिकायत लिखने वाली है। उल्टे आप ज्यादा विरोध करेंगे तो सरकारी काम में बाधा का आरोप लगा आपके खिलाफ ही प्राथमिकी दर्ज कर ली जाएगी।
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