– निलंबन की अवधि में शाहाबाद मुख्यालय में रहने का आदेश, इंस्पेक्टर ने कहा साजिश
बक्सर खबर। दरोगा जी जिस मकान में रहते थे उसी की मालकिन के साथ गुलछर्रे उड़ा रहे थे। हाल ही में उन्हें प्रमोशन भी मिला और वह इंस्पेक्टर बन गए। तबादला भी दूसरे थाने में कर दिया गया लेकिन उन्होंने मकान नहीं छोड़ा क्योंकि उन्हें मौज की आदत जो लग गई थी। और अंततः इस बात की भनक महिला के पति को लगी। उसने आवेदन डीजीपी से लेकर डीआईजी तक को भेज दिया। उसके पति के अनुसार उनकी हरकत के साक्ष्य भी उपलब्ध है।
जो उसने पुलिस अधिकारियों को भी उपलब्ध कराए हैं। नतीजा इंस्पेक्टर बने मनोज पाठक के कंधे से वर्दी उतर गई है। डीआईजी शाहाबाद के स्तर से की गई इस कार्रवाई में यह निर्देश जारी किया गया है कि निलंबित इंस्पेक्टर शाहाबाद मुख्यालय में उपस्थित रहेंगे। उन्हें जीवन यापन भट्ट दे होगा मनोज पाठक निलंबित इंस्पेक्टर का कहना है उनके खिलाफ या साजिश की गई है पैसे की लेनदेन की वजह से।
महिला के पति ने बताया बच्चों से मिली इस घटना की जानकारी
बक्सर खबर। इस मामले की शिकायतकर्ता भीमसेन तिवारी के अनुसार उसका गांव नैनिजोर थाने के नजदीक है। वर्ष 2021 में यहां के थानाध्यक्ष बनाकर मनोज पाठक आए थे। उन्होंने हमारे यहां किरदार के रूप में रहने का आग्रह किया। घर में हम पति-पत्नी और बच्चे ही थे। इसलिए उनको एक कमरा दे दिया गया। लगभग एक वर्ष तक स्थिति सामान्य रही। लेकिन उसके उपरांत उन्होंने मौका देखकर पत्नी को अपने जाल में फांस लिया। हालांकि इसकी भनक मुझे लंबे समय तक नहीं लगी। तबादला हो जाने के बाद भी यही से आना-जाना कर रहे थे जबकि मेरे गांव की जिला मुख्यालय से दूरी 46 किलोमीटर के आसपास है। कुछ माह पहले ही मुझे इस बात की जानकारी बच्चों से मिली। एक दिन मैंने उन दोनों को रंगे हाथ पकड़ लिया। तब मेरे साथ उक्त दरोगा ने मारपीट भी की। और और कार्रवाई शुरू हो जाने के बाद अब धमकियां भी दे रहे हैं।
इंस्पेक्टर ने कहा झूठ है आरोप, लेनदेन की वजह से लगा रहे आरोप
बक्सर खबर। जब पत्रकारों ने ही संबंध में निलंबित इंस्पेक्टर मनोज पाठक से उनका पक्ष जानना चाहा उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा यह आरोप झूठे हैं। मेरा सामान उनके घर में पड़ा हुआ है और कुछ पैसे का लेनदेन का मामला भी है। इस वजह से इस तरह के झूठे आरोप लगाकर मुझे फसाया जा रहा है।