– अपर जिला व सत्र न्यायाधीश चतुर्थ ने सुनाई सजा, 15-15 हजार का जुर्माना
बक्सर खबर। भैस की पाड़ी के कारण विवाद बढ़ा और बात हत्या तक पहुंच गई। यह घटना 17 सितंबर 1996 को ब्रह्मपुर में हुई थी। 27 साल बाद इस मामले में गुरुवार को फैसला आया। अपर जिला व सत्र न्यायाधीश चतुर्थ विजेन्द्र कुमार ने कुल पांच आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही सबके उपर 15-15 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया। इसकी जानकारी देते हुए लोक अभियोजक गोपाल राम ने बताया कि रामजी यादव व जगदीश यादव पाड़ी को लेकर पाल दिलवाने जा रहे थे।
रास्ते में उनका विवाद पंचम राम से हो गया। इसी दौरान पाड़ी भाग कर तेजा सिंह के दरवाजे पर चली गई। जब दोनों वहां पहुंचे तो दूसरा ही बखेड़ा हो गया। वहां मौजूद लोग उन्हें पकड़ मारने लगे। लेकिन, जगदीश यादव उनकी पकड़ से भाग निकला। उसने अपने टोला के लोगों को सूचना दी। वे सभी मौके पर आए तो रामजी यादव का कहीं पता नहीं चला। इसकी सूचना जगदीश ने ब्रह्मपुर थाने को दी। प्राथमिकी दर्ज हुई और मामला हत्या में तब्दील हो गया। हालांकि मृतक का शव आज तक नहीं मिला। न्यायालय ने इस मामले में तेजा सिंह, पप्पू सिंह, बुचन सिंह, निप्पू सिंह व ब्रह्मा सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।