हाई कोर्ट की वजह से टला जिला परिषद अध्यक्ष का अविश्वास प्रस्ताव

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-29 को ब्रह्मपुर प्रमुख के अविश्वास पर भी लगी रोक
बक्सर खबर। जिला परिषद अध्यक्ष के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव टल गया है। उच्च न्यायालय पटना ने इस मामले में स्थगन आदेश जारी किया है। साथ ही यह निर्देश दिया था कि जिन पार्षदों ने अविश्वास पर हस्ताक्षर किया है। वे पुन: 24 को जिला परिषद अध्यक्ष के कार्यालय जाकर प्रस्ताव सौंपे। अगर वह समय से उपस्थित नहीं होती हैं तो जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा जाए। इसके बाद मत विभाजन की तिथि निर्धारित होगी। आदेश का अनुपालन करने के लिए बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले पार्षद जिला परिषद अध्यक्ष के कार्यालय पहुंचे।

लेकिन, वहां उनका आगमन नहीं हुआ। हालांकि उच्च न्यायालय का आदेश होने की वजह से उप विकास आयुक्त डॉक्टर महेंद्र पाल वहां पहुंचे। लेकिन, अध्यक्ष के नहीं होने के कारण सभी सदस्य जिला पदाधिकारी के कार्यालय पहुंचे। उन्हें अपना ज्ञापन सौंपा। अब इस आधार पर अगली तिथि निर्धारित होगी। हालांकि पहले जो अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। उस पर मत विभाजन की तिथि 25 जनवरी तय थी। लेकिन, यह प्रक्रिया पुनः हो रही है। ऐसी स्थिति में यह मत विभाजन कुछ समय के लिए टल गया है। विपक्षी सदस्यों की कुल संख्या 13 है। जबकि जिले में कुल जिप सदस्यों की संख्या 20 है। ऐसे में इनका पलड़ा फिलहाल भारी है।

इसका नेतृत्व कर रहे हैं चक्की के पूर्व पार्षद परमा यादव । उनकी पत्नी फिलहाल चक्की से पार्षद हैं। उन्होंने दो वर्ष पहले जिला परिषद अध्यक्ष के चुनाव में वर्तमान जिप अध्यक्ष विद्या भारती को चुनौती दी थी। यहां एक बात की जानकारी हम पाठकों को और दें दे। 29 जनवरी को ब्रह्मपुर प्रखंड प्रमुख के विरूद्ध भी अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होनी थी। लेकिन, उस पर भी आज गुरुवार को हाई कोर्ट ने रोक लगा दी। इसकी तरह का आदेश सिमरी और राजपुर प्रखंड प्रमुख के अविश्वास के विरूद्ध भी जारी किया गया है।

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