शिक्षा विभाग की धीमी प्रगति से डीएम नाराज, मांगा जवाब

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-किसी भी मद की राशि का पूर्ण उपयोग करने में जिला सबसे पीछे
बक्सर खबर। जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल द्वारा मंगलवार को शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक बुलाई गई। इस दौरान किसी भी मद की राशि का सही उपयोग नहीं करने के कारण डीएम ने नाराजगी व्यक्त करते हुए बिहार में अपना जिला संसाधन मुहैया कराने में सबसे पीछे है, ऐसा क्यूं? उन्होंने इसके लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी से जवाब तलब किया है। बैठक में बताया गया बेंच- डेस्क इत्यादि हेतु कुल स्वीकृत राशि 989.3 लाख रुपए है, जिसमें से कुल 105.35 लाख रुपए की निकासी की गई है। जो बिहार राज्य अंतर्गत सभी जिले में से सबसे कम है।

साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर मद में पीएफएमएस के माध्यम से प्राप्त 9.16 करोड़ राशि के आलोक में 2.03 करोड़ रुपए की निकासी तथा बैंक के माध्यम से प्राप्त 3.86 करोड़ राशि के आलोक में 0.80 करोड़ रुपए की निकासी की गई है। अपर समाहर्ता, बक्सर द्वारा बताया गया कि लोक सेवा शिकायत मामलों में शिक्षा विभाग के सेवानिवृत्त कर्मियों के सेवांत लाभ से संबंधित अधिक मामले प्राप्त हो रहे हैं। जिसमे अपीलार्थी द्वारा यह बताया जा रहा है कि शिक्षा कार्यालय में कर्मियों द्वारा अनावश्यक रूप से विलंब किया जा रहा है जो संदेहास्पद प्रतीत होता है। इससे प्रशासन की छवि धूमिल होती है। जिलाधिकारी द्वारा विद्यालयों की जर्जर स्थिति, विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की कम उपस्थिति, सभी वर्ग में विषयवार शिक्षक की उपलब्धता की समीक्षा की गई। वित्तीय वर्ष समाप्ति की ओर है परंतु अब तक प्राप्त आवंटन का नियमानुसार व्यय नहीं किया गया है, जो अत्यंत ही खेदजनक है।

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