-10 से 24 तक डोर टू डोर कैंपेन, तीन दिनों तक बूथ स्तर लगेगा कैंप
बक्सर खबर। फाइलेरिया उन्मूलन के लिए लोगों को दवा खिलाने का अभियान शुरू किया गया है। 10 से 24 तक चलने वाले अभियान का शनिवार को जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने स्वयं दवा खाकर शुभारंभ किया। इस अभियान के बारे में उन्होंने जानकारी दी। उन्होंने कहा फाइलेरिया एक भयावह बीमारी है। जिसके लक्षण कई साल के बाद दिखाई देता है। जिसका कोई इलाज नहीं है। इस बीमारी का बचाव ही एक उपाय है, फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करें। सरकार ने यह लक्ष्य रखा है। 2027 से पहले फाइलेरिया मुक्त किया जा सके।
अपने जिले के 1998853 की जनसंख्या में 1966053 लोगों को उम्र के आधार पर लक्षित किया गया है। जिले के 1155 गांवों व वार्डों में फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कराने के लिए 836 टीम का गठन किया गया है। जिसमें 1480 आशा, 119 आंगनबाड़ी सेविकाएं, 97 वोलेंटियर और 83 सुपरवाइजर प्रतिनियुक्त किए गए हैं। उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान दो से पांच वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की एक गोली एवं एल्बेंडाजोल की एक गोली, 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो गोली एवं एल्बेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष से अधिक लोगों को डीईसी की तीन गोली एवं एल्बेंडाजोल की एक गोली दी जाएगी।
इस दौरान डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया कि एमडीए राउंड 2024 में अभियान के दौरान दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों को फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन नहीं कराया जाएगा। इनके अलावा सभी उम्र के लाभुकों को उम्र और लंबाई के हिसाब से दवाओं का सेवन कराया जाएगा। फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन सभी लोगों के लिए लाभप्रद है। आम लोग खाली पेट दवा का सेवन नहीं करें। कभी-कभी खाली पेट दवा खाने से भी कुछ समस्याएं होती हैं। आम लोगों में फाइलेरिया की दवा सेवन के साइड इफ़ेक्ट के बारे में कुछ भ्रांतियां हैं, जिसे दूर करने की सख्त जरूरत है।
फाइलेरिया की दवा सेवन से जी मतलाना, हल्का सिर दर्द एवं हल्का बुखार हो सकता है जो शरीर में मौजूद फाइलेरिया के परजीवी के मरने के ही कारण होता है. इसलिए दवा सेवन से किसी भी प्रकार का साइड इफ़ेक्ट मरीज के हित में ही है। हालांकि, इसके लिए जिले के सभी प्रखंडों में क्यूआरटी का गठन किया गया है। कार्यक्रम में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यालय के वीबीडीसीओ, एफएलए, सदर प्रखंड के स्वास्थ्य प्रबंधक, डीपीएम जीविका, पिरामल स्वास्थ्य की सिनियर टीम कोर मेंबर, पिरामल के प्रोग्राम डायरेक्टर, पिरामल के डिस्ट्रिक्ट लीड, प्रोग्राम लीड, पीसी, पीसीआई इंडिया के डीएमसी, सीएफएआर के एडीसी, आशा कार्यकर्ताएं उपस्थित रहीं।