-खबर के साथ आप पढ़ सकते हैं बक्सर खबर के संपादक रहे प्रेम प्रकाश का आलेख
बक्सर खबर। समय गुजरता चला जा रहा है। लोग अपनी विरासत को भुलते जा रहे हैं। शायद बक्सर के लोगों को भी यह याद नहीं कि आज उस्ताद बिस्मिल्ला खां की पुण्यतिथि है। 21 अगस्त 2006 को उन्होंने सदा के लिए आंखें बंद कर लीं थी। वे जन्में तो जिले के डुमरांव नगर में थे। लेकिन, अंत समय में गंगा की गोद में बसे वाराणसी में उन्होंने जन्नत का रुख किया। बक्सर खबर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है। कभी उनकी याद में पत्रकार साथी प्रेम प्रकाश ने एक आलेख लिखा था। उस्ताद को चले ही गए। साथी प्रेम प्रकाश भी चले गए।
लेकिन, यह आलेख उस मुलाकात पर आधारित है। जब दोनों इस जग में उपस्थित थे। इसे पढ़ने के बाद आपको पता चलेगा। फकिरी किसी कहते हैं। इसे लिखने वाले प्रेम भाई हमारे बचपन के सहपाठी थे। हमने यहां जागरण में काम शुरू किया। और वे उस समय प्रभात खबर झारखंड में काम करते थे। इसके उपरांत कई अखबारों में उन्होंने काम किया। और जब लौटकर अपने शहर बक्सर आए तो बक्सर खबर का कामकाज देखा। लेकिन, कुछ माह बाद ही वे बीमार हुए और फिर सदा के लिए दुनिया छोड़ गए। यहां पढ़े वह पुराना लेख –