‌‌‌ बक्सर के समाजसेवी की वजह से हिमाचल के फौजी को मिला खोया सामान

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-ट्रेन में गुम हो गया था सामान व रुपये वाला बैग
बक्सर खबर। फौजी का बैग ट्रेन में गुम हो गया। उसमें 37 हजार रुपये भी थे और बहुत से जरूरी कागजात भी। वह बैग किसी की गलती से डुमरांव में उतर गया। यह वाकया है 18 सितंबर का। 13005 अप पंजाब मेल से अशोक कुमार, ग्राम बरंडा, थाना नूरपुर, जिला कांगड़ा, हिमाचल पद्रेश सफर कर रहे थे। जो बीएसएफ में हैं। बतौर हेड कांस्टेबल मणिपुर के संवेदनशील इलाके में तैनात थे। वहां से अपने गांव लौट रहे थे। साथ में परिवार था। लेकिन, उनका बैग किसी सहयात्री की गलती से डुमरांव स्टेशन पर उतर गया। उस आदमी की नियत अच्छी थे।

उसने इसकी सूचना डुमरांव के सामाजिक कार्यकर्ता राजीव सिंह को दी। जो यात्री कल्याण समिति के अध्यक्ष हैं। उन्होंने रेल पुलिस बक्सर को इसकी सूचना दी और स्वयं यात्री को सूचना पहुंचाने में जुट गए। दो दिन के प्रयास के बाद फौजी से संपर्क हुआ। वे बक्सर आए और अपना सामान रेल पुलिस के समक्ष प्राप्त किया। पुलिस की प्रशंसा की और राजीव सिंह को धन्यवाद दे लौट गए। उन्होंने जाते-जाते कहा। बिहार के लोग अच्छे हैं। लेकिन, यह पूरा वाकया हुआ कैसे, जब इस बारे में राजीव सिंह सिंह ने पूछा गया तो उन्होंने बताया। डुमरांव इलाके के रहने वाले मो. मनसफ अपने दो छोटे भाइयों मुख्तार अंसारी, सद्दाम हुसैन तथा बहनोई के साथ उसी बोगी में बख्तियारपुर से डुमरांव आ रहे थे। बिहारशरीफ से उन्होंने साड़ी की मार्केटिंग की थी। यहां उतरने लगे तो उनके बैग के साथ इनका बैग भी वे उतार ले गए। घर जाने के बाद मो. मनसफ और उनके रिश्तेदारों को अपनी भूल का एहसास हुआ।

जिसके बाद उन लोगों ने डुमरांव नगर परिषद के पूर्व वार्ड पार्षद नसीम अख्तर को सूचना दी। उन्होंने मुझे संपर्क में लिया। मैंने वह बैग रेल थाना में जमा कराया। उसमें बहुत से कागजात थे। जिससे उनका नाम, पता व फोन नंबर मिला। मैं लगातार उनसे संपर्क का प्रयास करता रहा। दो दिन बाद उनसे बात हुई। क्योंकि वह यात्रा में थे। सोमवार को अपनी पत्नी सीमा देवी के साथ डुमरांव आए। जहां उनका बैग सौंपा गया। जिसके अंदर 37 हजार नकद रुपया, एक एमआई का एंड्रॉयड फोन, बीएसएफ का वर्दी, हेल्थ कार्ड, पहचान पत्र, किट इन्वेंटरी कार्ड, कैंटीन कार्ड, टी आर जी नोटबुक, आधार कार्ड, ए टी एम कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, दो जोड़ा फौजी बुट, एक गोल्ड स्टार का जूता, बेल्ट, चार्जेबल टार्च, अपना तथा पत्नी, बेटा-बेटी का आयुष्मान कार्ड सहित सर्विस से संबंधित सभी ओरिजिनल कागजात व प्रमाणपत्र था। उनकी पत्नी सीमा देवी ने कहा कि वाकई बिहार के लोग बहुत ही सच्चे और अच्छे हैं । रेल थानाध्यक्ष बिजेंद्र कुमार तथा एसआई दीवान लियाकत अली खान ने भी इस काम में बहुत सहयोग किया।

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