मझरिया की रामलीला का नहीं है आस-पास कोई जोड़

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-55 वर्षों से चली आ रही है परंपरा
बक्सर खबर। सदर प्रखंड के मझरियां गांव में भी रामलीला का आयोजन होता है। दुर्गा पूजा के अवसर पर होने वाले कार्यक्रम में गांव के अनेक युवा शामिल होते हैं। गांव के राजकुमार उपाध्याय बताते हैं मझरिया, पूरब टोला रामलीला की स्थापना सन 1967 में हुआ था। इसकी नीव गांव के ही बड़े बुजुर्गों ने आज से विगत 55 साल पहले रखी थी, जो अभी तक लगातार चली आ रही हैं। इस कार्यक्रम की शुरुआत सप्तमी से होती है और विजयादशमी को रामलीला खत्म हो जाती है।

फिर अगले दिन एक नाटक होता हैं। महिषासुर वध, इसके बाद पूर्ण रूप से ये कार्यक्रम समाप्त हो जाता हैं। मैं आपको बता दू इस रामलीला समिति में मुख्य रूप से मझरिया, पूरब टोला के ही लोग बहुत ही अच्छे और बेबाक तरीके से अपना- अपना अभिनय पेश करते है, जो की दर्शकों को खूब पसंद आता है। यह सिर्फ एक पारंपरिक संस्कृति ही नहीं, युवाओं में कला प्रेम और अभिनय की कला सीखने का मंच भी है।

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