-सामाजिक कार्यकर्ता वर्षा पांडेय ने लोगों के मध्य दर्ज कराई अपनी उपस्थिति
बक्सर खबर। बक्सर का लिट्टी-चोखा का मेला पूरे देश में मशहूर है। और जब यह तिथि आती है। लोग तरह-तरह का आयोजन करते हैं। सामाजिक, राजनीतिक, प्रशासनिक हर स्तर पर भोज होता है। इसी कड़ी में वर्षा पांडेय द्वारा रविवार को बाजार समिति रोड में लिट्टी-चोखा पार्टी का आयोजन किया गया। योग शिक्षक से सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में पहचान बना चुकी वर्षा पांडेय ने अपने इस कार्यक्रम में महिलाओं को विशेष रूप से आमंत्रित किया था। साथ ही सामाजिक, राजनीतिक, शिक्षक, पत्रकार सभी आमंत्रित थे।
बक्सर खबर। बक्सर का लिट्टी-चोखा का मेला पूरे देश में मशहूर है। और जब यह तिथि आती है। लोग तरह-तरह का आयोजन करते हैं। सामाजिक, राजनीतिक, प्रशासनिक हर स्तर पर भोज होता है। इसी कड़ी में वर्षा पांडेय द्वारा रविवार को बाजार समिति रोड में लिट्टी-चोखा पार्टी का आयोजन किया गया। योग शिक्षक से सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में पहचान बना चुकी वर्षा पांडेय ने अपने इस कार्यक्रम में महिलाओं को विशेष रूप से आमंत्रित किया था। साथ ही सामाजिक, राजनीतिक, शिक्षक, पत्रकार सभी आमंत्रित थे।
दोपहर बाहर बजे लिट्टी पार्टी प्रारंभ हुई तो फिर घंटो इसका क्रम चलता रहा। जो एकत्र हुए उन्हें स्वयं वर्षा पांडेय व उनके पति दीपक पांडेय ने भोजन परोसा और मिठाई भी खिलाई। और मिठाई के साथ कुछ सवाल भी परोसे। बक्सर का विकास कैसे होगा, क्या हम जिम्मेवार नागरिक के तौर पर अपनी जिम्मेवारी निभा रहे हैं। गलत करने वालों का विरोध, बेहतर करने वालों की सराहना कर रहे हैं।
इतना सुनते ही सामने वाले चुप और किसी ने व्यंग कर दिया तो ठहाके। हालांकि वर्षा पांडेय ने एक गंभीर विषय भी सबके सामने रखा। हम अपनी विरासत को सहेजने के लिए क्या कर रहे हैं। आज इस नगर महर्षी विश्वामित्र की एक प्रतिमा तक नहीं है। न ही भगवान श्रीराम का एक भव्य मंदिर। और उससे भी बड़ी समस्या है। जो है उसका न तो संरक्षण हो रहा है न संवर्द्धन। इन बातों की चर्चा होनी चाहिए, और पहल भी। इस दौरान शहर के अनेक समाजसेवी व प्रबुद्ध जन उपस्थित हुए।
बक्सर का विकास आसान नहीं है। पचास साल पज्ञले जो था वहीं आज भी है। प्रदुषण कभी कन्ट्रोल होने वाला नहीं।पी पी रोड में जगह इतना कम है कि भीड़ कम ही नहीं होती।रोड के दोनों तरफ पक्के मकान, दुकान जो जगह छेके हुए है इसको मैनेज करना बिल्कुल आसान नहीं है। गंदगी वैसे ही है। प्रशासन अच्छा है इसमें कोई शक नहीं।मगर आवाजाही जगह की कमी खलती है।