सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता ने बक्सर की बेटियों को बताया यौन उत्पीडन की रोकथाम का उपाय

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इंजीनियरिंग कॉलेज में “कार्यस्थल पर यौन उत्पीडन की रोकथाम” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन                       कार्यक्रम का संदेश – महिलाओं की सुरक्षा और समानता सुनिश्चित करना सभी की सामूहिक जिम्मेदारी        बक्सर खबर। स्थानीय इटाढ़ी रोड स्थित राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय में “कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की रोकथाम”विषय पर एक संगोष्ठी सह जागरुकता कार्यक्रम आयोजित की गई। कार्यक्रम के माध्यम से छात्राओं, महिला शिक्षकों एवं महिला कर्मचारियों को उनके अधिकारों, कानूनी सुरक्षा उपायों और कार्यस्थल पर सुरक्षित माहौल बनाए रखने के उपायों के प्रति जागरूक किया गया। सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के अधिवक्ता सुनीता रंजन ने ऑनलाइन संबोधित करते हुए महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए “महिलाओं के कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न का रोकथाम, निषेध और निवारण अधिनियम, 2013” के प्रावधानों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि यह अधिनियम महिलाओं को सुरक्षा और सम्मान प्रदान करने के लिए लागू किया गया है। उन्होंने छात्राओं को समझाया कि कैसे वे किसी भी अनुचित व्यवहार या उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठा सकती हैं और शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया को भी स्पष्ट किया। साथ ही उन्होंने जोर दिया कि छात्राओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहना चाहिए और किसी भी प्रकार की असहज स्थिति का सामना करने में आत्मविश्वास बनाए रखना चाहिए।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित जिला कार्यक्रम पदाधिकारी रंजना कुमारी ने छात्राओं को कानूनी प्रावधानों के साथ-साथ व्यावहारिक समाधान भी बताया, जिससे वे कार्यस्थल पर सुरक्षित रह सकें। उन्होंने छात्राओं को प्रेरित किया कि वे आत्मरक्षा के कौशल विकसित करें और तकनीकी माध्यमों का उपयोग करते हुए अपनी सुरक्षा स्वंय सुनिश्चित करें। उत्पीड़न की किसी भी घटना की रिपोर्ट करने के लिए साक्ष्यों को सुरक्षित रखना और संबंधित अधिकारियों से संपर्क करना अति आवश्यक है। साथ ही मानसिक और भावनात्मक तनाव को दूर करने के लिए माता-पिता के साथ चिकित्सक परामर्शदाताओं से संपर्क करने की सलाह दी।

दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ करते अतिथि व अन्य।

इस अवसर पर प्राचार्य डॉ राम नरेश राय ने कहा कि महाविद्यालय महिलाओं की सुरक्षा और सम्मानजनक वातावरण सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। छात्राओं से आग्रह किया कि वे किसी भी असहज परिस्थिति का तुरंत विरोध करें और अपनी शिकायत उचित माध्यमों से दर्ज कराएं। कार्यक्रम का सफल आयोजन प्रोफेसर विद्या रश्मि और प्रोफेसर आकृति के सहयोग से किया गया। दोनों ने कार्यक्रम को प्रभावी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस संगोष्ठी ने छात्राओं को न केवल उनके अधिकारों और सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी दी बल्कि उनमें आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास भी विकसित किया। कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा और समानता सुनिश्चित करना सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।

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