मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और अब बिहार में अंकित द्विवेदी को मिला युवा दार्शनिक पुरस्कार

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मारवाड़ी कॉलेज, तिलका मांझी विश्वविद्यालय भागलपुर में 46 वां वार्षिक राष्ट्रीय अधिवेशन में मिला अवार्ड                                                                                                               बक्सर खबर। सदर प्रखंड स्थित नदांव गांव के स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय जितेंद्र नाथ द्विवेदी के पौत्र व स्वर्गीय अनुज द्विवेदी के पुत्र अंकित द्विवेदी को दर्शन परिषद मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ द्वारा अक्टूबर में युवा दार्शनिक पुरस्कार से नवाजा गया था और अब भागलपुर में भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा आयोजित दर्शन परिषद का 46 वां राष्ट्रीय अधिवेशन में उनके उत्कृष्ट शोध पत्र के लिए डाॅ विजय श्री स्मृति युवा दार्शनिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस वर्ष का पुरस्कार अंकित द्विवेदी के शोध पत्र “धम्मपद में वर्णित लोभ की अवधारण एक विश्लेषणात्मक अध्ययन” विषय को दिया गया।

 

अंकित द्विवेदी ने बताया कि इस पुरस्कार के लिए बिहार, झारखंड, बंगाल, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के शोध छात्रों ने भाग लिया। मूल्यांकन समीति के नीतिशास्त्र विभाग ने उनके ही शोध पत्र का चयन किया। उन्होंने कहा कि धम्मपद में लोभ का चित्रण न केवल एक प्राचीन नैतिक शिक्षा है, बल्कि यह मानव मनोविज्ञान की एक गहरी समझ प्रस्तुत करता है। आधुनिक समाज में, जहां भौतिक समृद्धि अक्सर सफलता का पर्याय मानी जाती है, धम्मपद की ये शिक्षाएं हमें आंतरिक शांति और संतोष की ओर लौटने का आह्वान करती हैं। इलाहाबाद , डीयू और जेएनयू में पढ़ाई पूरी करने के बाद वर्तमान में अंकित नव नालन्दा महाविहार (संस्कृति मंत्रालय) में बौद्ध अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ मुकेश कुमार वर्मा के मार्गदर्शन में शोध कर रहे है। अवार्ड मिलने पर नदांव के वार्ड पार्षद मंटु कुमार बबुआजी, भाजयुमो जिलाध्यक्ष सौरभ तिवारी, शिक्षक अभय दुबे, अमित दुबे, दीपक कुमार, अनमोल दुबे, अंकित सिंह, गोलू सिंह, जुल्फिकार अनवर आदि ने खुशी का इजहार कर उन्हें बधाइयां दी।

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