सात वर्षों के बाद फिर बक्सर के सिपाही घाट पर होगी पतंगबाजी 

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कला संस्कृति एवं युवा विभाग और जिला प्रशासन द्वारा 14 जनवरी को मकर संक्रांति महोत्सव का आयोजन               बक्सर खबर। मकर संक्रांति भारतीय संस्कृति का एक पवित्र और प्रमुख त्योहार है जो पूरे देश में 14 जनवरी को श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस वर्ष कला संस्कृति एवं युवा विभाग तथा जिला प्रशासन के द्वारा मकर संक्रांति महोत्सव का आयोजन 14 जनवरी को स्थानीय सिपाही घाट पर किया जाएगा। जिसमें फ्रेंडली पतंगबाजी के साथ-साथ जीविका एवं अन्य विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का स्टाल लगाया जायेगा। महोत्सव में खेल-कूद एवं मनोरंजन संबंधी प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी तथा विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा।

ज्ञात हो कि तत्कालीन डीएम रमण कुमार के पहल पर वर्ष 2016 में पहली बार जिले में पतंग महोत्सव का आयोजन हुआ था तब लोगों ने इसमें बढ़-चढ़कर भागीदारी निभाई थी और इसका खूब लुत्फ उठाया था। पहली बार हुए इस तरह के कार्यक्रम के लिए लोगों ने प्रशासन की सराहना भी की थी।

पतंग महोत्सव में शामिल  सदर विधायक संजय कुमार तिवारी व युवराज चन्‍द्रविजय सिंह से बातचीत करते तत्कालीन डीएम रमण कुमार (फाइल फोटो)

इसी तरह दूसरे वर्ष 2017 का आयोजन भी शानदार रहा था और लोगों ने उसका खूब लुत्फ उठाया था। उस दौरान कुश्ती, वालीबॉल, पतंगबाजी, गंगा आरती व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भरपूर मजा लोगों ने लिया था। 2018 में मकर संक्रान्ति के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कार्यक्रम जिले के नंदन गांव में आयोजित हुई थी। जिसकी वजह से पतंगबाजी महोत्सव को टाल दिया गया था।2018 से लेकर 2024 तक जिला प्रशासन ने जिला में मकर संक्रान्ति पर कोई आयोजन नहीं किया।इस वर्ष कला संस्कृति विभाग और जिला प्रशासन द्वारा मकर संक्रांति महोत्सव का आयोजन किया गया है। यानी कुल मिलाकर कहा जाए तो सात वर्षों के बाद पुनः एक बार फिर सिपाही घाट पर मकर संक्रांति के अवसर पर लोग पतंगबाजी करेंगे।

सिपाही घाट पर 2017 में आयोजित पतंग महोत्सव में शामिल लोग (फाइल फोटो)

यह पर्व सूर्य देव के मकर राशि में प्रवेश करने और उत्तरायण की शुरुआत का प्रतीक है। इसे फसल कटाई का उत्सव भी माना जाता है, जो समृद्धि, नई ऊर्जा और सकारात्मकता का संदेश देता है। मकर संक्रांति एकता, सद्भाव और खुशी का पर्व है। जिला प्रशासन सभी बक्सर जिले वासियों से अपील करता हैं कि इस त्योहार बढ़ चढ़कर हिस्सा लें एवं त्यौहार को शांति, प्रेम और पर्यावरण की रक्षा के प्रति जागरूकता के साथ मनाए।

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