कार्यक्रम में शामिल होंगे छात्र-छात्राएं, शिक्षक व स्थानीय नागरिक बक्सर खबर। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से चौसा गढ़ में कल यानी शुक्रवार को ‘विरासत बचाओ यात्रा’ का आयोजन किया जाएगा। यह यात्रा चौसा गढ़ के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करने और क्षेत्र की धरोहरों के प्रति जनता में जागरूकता बढ़ाने के लिए आयोजित की जा रही है।
इस कार्यक्रम में स्थानीय स्कूलों के छात्र-छात्राएं और शिक्षक बड़ी संख्या में भाग लेंगे। यात्रा के दौरान धरोहर संरक्षण और इसके महत्व पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्यों में जिले की ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करने की आवश्यकता को समझाना और आने वाली पीढ़ियों को इसके प्रति जिम्मेदार बनाना शामिल है। कार्यक्रम के संयोजक व सीताराम उपाध्याय संग्रहालय के अध्यक्ष डॉ शिव कुमार मिश्र ने छात्रों और स्थानीय लोगों से अपील करते हुए कहा, “हमारी ऐतिहासिक धरोहरें हमारी पहचान हैं और इन्हें बचाने की जिम्मेदारी हम सबकी है। इस यात्रा में अधिक से अधिक संख्या में भाग लें और अपनी धरोहरों के संरक्षण के प्रति जागरूकता दिखाएं।” उन्होंने फोटो में दिखाई दे रही तस्वीर के संबंध में बताया कि टेराकोटा से बना शिव-पार्वती विवाह की मूर्ति चौसा में खुदाई के दौरान मिला, जिसको सबसे प्राचीन मूर्ति बताया।
कार्यक्रम के तहत एक संगोष्ठी और कार्यशाला का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें विशेषज्ञ धरोहर संरक्षण के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे। इसके साथ ही छात्रों और प्रतिभागियों को व्यावहारिक जानकारी दी जाएगी कि वे धरोहर संरक्षण में कैसे योगदान दे सकते हैं। यह कार्यक्रम आने वाली पीढ़ियों को उनकी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों के महत्व को समझाने और उन्हें संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।